Gyanvapi Masjid Case : दोनों पक्षों को मिलेगी वीडियो फोटो, सुनवाई 4 जुलाई तक टली

Atul Saxena
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वाराणसी, डेस्क रिपोर्ट। ज्ञानवापी मस्जिद मामले (Gyanvapi Masjid Case) में आज सोमवार को वाराणसी की दो अदालतों में सुनवाई हुई। जिला जज की अदालत और सिविल जज की फ़ास्ट ट्रेक कोर्ट में दो अलग अलग मामलों पर सुनवाई हुई।  सुनवाई के बाद मामला गर्मी की छुट्टी के बाद के लिए 4 जुलाई तक के लिए टाल दी गई।

मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने निर्देश दिए कि दोनों पक्षों को सर्वे के वीडियो और फोटो दी जाएंगी। अदालत ने दोनों पक्षों से सर्वे रिपोर्ट के साथ ही शपथ पत्र मांगा है। शपथ पत्र में इस बात का जिक्र होगा कि वीडियो और फोटो को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा।

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कोर्ट में मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष के दावे पर आपत्तियां दर्ज कराईं। आज पहले मुकदमे की वैधता पर मुस्लिम पक्ष ने अपनी दलीलें जारी रखीं। अदालत ने दलील सुनने के बाद समय कम होने के कारण मामले को टाल दिया है। अब चार जुलाई को अदालत इसे सुनेगी। उस दिन भी मुस्लिम पक्ष अपनी दलील जारी रखेगा।

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हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने मीडिया को बताया कि जिला न्यायाधीश एके विश्वेश की अदालत में केस के औचित्य संबंधी याचिका पर मुस्लिम पक्ष की जिरह जारी रही और उसके पूरा होने से पहले ही अदालत का समय समाप्त हो गया। इसके बाद अदालत ने कहा कि वह अब इस मामले को एक जून से शुरू होने वाली गर्मियों की छुट्टी के बाद चार जुलाई को सुनेगी। जैन ने बताया कि अदालत ने स्पष्ट कर दिया है कि परिसर की वीडियोग्राफी सर्वे की रिपोर्ट मामले के सभी पक्षों को उपलब्ध कराई जाएगी। मगर इसके लिए क्या शर्ते होंगी वह अदालत ही बताएगी।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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