नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। काफी लंबे समय से कांग्रेस को मजबूत स्थिति में वापस लाने की कोशिश कर रहे पार्टी के कद्दावर नेता गुलाम नबी आजाद ने आखिरकार शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पांच पन्नों को लिखी गई चिट्ठी में उन्होंने पार्टी के साथ अपने लंबे संबंध और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ अपने करीबी संबंधों को याद किया। इस के साथ उन्होंने पार्टी की कार्य-प्रणाली पर सवाल उठाते हुए गंभीर आरोप लगाए। गुलाम नबी आजाद ने अपने विस्तृत त्याग पत्र में लिखा, कांग्रेस पार्टी की स्थिति ‘नो रिटर्न’ के बिंदु पर पहुंच गई है। इससे पहले स्वास्थ्य मुद्दों का हवाला देते हुए उन्होंने जम्मू-कश्मीर के संगठनात्मक पद से इस्तीफा दिया था।
अपने त्याग पत्र में उन्होंने लिखा, “पूरी संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया एक मजाक और दिखावा है। देश में कहीं भी संगठन के किसी भी स्तर पर चुनाव नहीं हुए हैं। All India Congress Committee (AICC) के चुने हुए लेफ्टिनेंटों को 24 अकबर रोड में बैठे AICC चलाने वाली मंडली द्वारा तैयार की गई सूचियों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया है।”
आजाद ने राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह एक गैर-गंभीर व्यक्ति हैं। उन्होंने कहा, “यह सब इसलिए हुआ क्योंकि पिछले 08 वर्षों में नेतृत्व ने एक गैर-गंभीर व्यक्ति को पार्टी के शीर्ष पर थोपने की कोशिश की है।”
आजाद ने आगे कहा, “2019 के चुनावों के बाद से ही स्थिति और खराब हुई है, जब राहुल गांधी ने पार्टी के सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों का अपमान किया था, जिन्होंने पार्टी के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी थी। आजाद ने लिखा कि यूपीए को बर्बाद करने वाला रिमोट कंट्रोल मॉडल कांग्रेस में लागू हो गया, जहां आप केवल मामूली व्यक्ति हैं, सभी महत्वपूर्ण निर्णय राहुल गांधी द्वारा लिए जा रहे थे और इससे भी बदतर तो यह है कि उनके इन निर्णयों में उनके सुरक्षा गार्ड और पीए भी शामिल हैं।”