महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने मंगलवार को उपराष्ट्रपति चुनाव में शानदार जीत हासिल की। उन्होंने दोनों सदनों के सांसदों की ओर से डाले गए 752 वैध वोटों में से 452 वोट प्राप्त किए। विपक्ष के कांग्रेस-नीत इंडिया ब्लॉक द्वारा समर्थित उम्मीदवार सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज जस्टिस बी. सुधर्शन रेड्डी को केवल 300 वोट मिले। भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए की मजबूत स्थिति और वाईएसआर कांग्रेस के समर्थन ने राधाकृष्णन की जीत को सुनिश्चित किया।
चुनाव में क्रॉस-वोटिंग की आशंका ने सबका ध्यान खींचा है। इंडिया ब्लॉक के पास 315 सांसदों का समर्थन था, लेकिन जस्टिस रेड्डी को 15 वोट कम मिले। आम आदमी पार्टी (आप), जो आधिकारिक तौर पर इंडिया ब्लॉक का हिस्सा नहीं है, ने भी अपने 12 वोटों का समर्थन देने का वादा किया था, लेकिन परिणामों से संकेत मिलता है कि कुछ वोट इधर-उधर हुए। भाजपा ने इस कमी का फायदा उठाते हुए विपक्ष पर तंज कसा, जिसमें अमित मालवीय ने कहा कि इंडिया ब्लॉक अपनी दावों से 15 वोट पीछे रह गया।
15 वोटों की कमी
कांग्रेस सूत्रों ने इस हार के लिए आप को जिम्मेदार ठहराया, हालांकि यह पूरी तरह से 15 वोटों की कमी को स्पष्ट नहीं करता। गुप्त मतदान की प्रक्रिया के कारण यह पता लगाना मुश्किल है कि क्रॉस-वोटिंग किसने की। इंडिया ब्लॉक अब इस सवाल का जवाब तलाशने में जुटा है, खासकर बिहार चुनाव से पहले, क्योंकि गठबंधन में एकता की कमी पहले भी कई बार सामने आ चुकी है।
हार के बाद क्या बोले
जस्टिस रेड्डी ने हार के बाद बयान जारी कर कहा, “मैं इस परिणाम को भारत के लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास के साथ स्वीकार करता हूं।” दूसरी ओर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राधाकृष्णन को बधाई देते हुए कहा कि वह एक उत्कृष्ट उपराष्ट्रपति होंगे और संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करेंगे।





