उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार शाम को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से अचानक इस्तीफा दे दिया। इस फैसले ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है और उनके अचानक इस्तीफे को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनके इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है और गृह मंत्रालय ने इसकी आधिकारिक अधिसूचना जारी की है। धनखड़ ने अपने इस्तीफे में कहा कि वह चिकित्सकीय सलाह का पालन करने और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए यह कदम उठा रहे हैं।
हाल के महीनों में धनखड़ की तबीयत बार-बार बिगड़ने की खबरें सामने आई थीं। मार्च में उन्हें दिल्ली के एम्स में सीने में दर्द और बेचैनी की शिकायत के बाद भर्ती किया गया था। इसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें दिल्ली के बाहर की यात्राओं को कम करने की सलाह दी थी। जून में उत्तराखंड के नैनीताल में कुमाऊं विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती समारोह के दौरान वह अचानक बेहोश हो गए थे। अधिकारियों के अनुसार, उस दिन गर्मी और कमरे में उमस के कारण उनकी तबीयत बिगड़ गई थी।
अस्वस्थ कर रहे थे महसूस
हाल ही में, इस महीने की शुरुआत में केरल दौरे के दौरान धनखड़ को अपनी पत्नी सुदेश और एक सहायक के सहारे चलते देखा गया था। पिछले हफ्ते 17 जुलाई को दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना की ओर से विकसित वाटिका के दौरे के दौरान भी वह अस्वस्थ महसूस कर रहे थे और उनकी पत्नी ने उन्हें पानी पिलाकर उनकी देखभाल की थी। इन घटनाओं ने उनके बिगड़ते स्वास्थ्य की ओर इशारा किया था। हालांकि, उनका यह इस्तीफा अप्रत्याशित रहा।
पीएम मोदी ने क्या कहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धनखड़ के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की और कहा कि उन्होंने देश की विभिन्न क्षमताओं में सेवा की है। पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, “श्री जगदीप धनखड़ जी को देश की सेवा के कई अवसर मिले, जिसमें भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में उनकी भूमिका भी शामिल है। उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं।” धनखड़ के इस्तीफे के बाद अब उपराष्ट्रपति पद के लिए नई दौड़ शुरू हो गई है और राजनीतिक गलियारों में इसकी चर्चा तेज हो गई है।





