भारत की पहचान गांव से होती है, यहां के लोग अक्सर खेती-बाड़ी, पशुपालन, मत्स्य पालन इत्यादि पर निर्भर रहते हैं। मिट्टी के घरों में रहने वाले सभी लोग एक-दूसरे से मिलजुल कर गांव की हर एक परंपरा को निभाते हैं। इन सभी के अलग-अलग नाम भी रखे जाते हैं। हालांकि समय के साथ गांव के रहन-सहन में भी काफी ज्यादा बदलाव देखने को मिल रहा है। पहले यहां दीपक जलाकर रात के समय महिलाएं अपने घरों को रोशन किया करती थीं। वहीं, अब लगभग सभी गांव में बिजली कनेक्शन पहुंच चुका है। यदि आप कभी गांव में गए हो या वहां रहते हो तो अपने लोगों को कुएं का पानी पीते हुए देखा होगा, जिसका सदियों पुराना इतिहास है।
इससे पहले हम आपको भारत के कई सारे राज्य, जिले और गांव की खासियत को बता चुके हैं। आज हम आपको कुछ शहर के बारे में बताएंगे, जहां सबसे अधिक कुएं हैं और उन गांव का नाम भी इन्हीं के आधार पर रखा गया है।
बीकानेर
गोलाकार बने हुए कुएं लोगों की प्यास बुझाने का काम करते हैं। इसके साथ ही, इसका पानी खेतों में कृषि के लिए भी उपयोग में आता है। आज हम आपको उस शहर के बारे में ही बताएंगे, जिसका नाम बीकानेर है, जो कि राजस्थान का प्रसिद्ध जिला माना जाता है। इस शहर में करीब 60 से अधिक कुएं आज भी मौजूद हैं। हालांकि, वर्तमान में केवल दो से तीन कुएं ही लोगों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है।
इतिहास
बीकानेर शहर का इतिहास काफी पुराना रहा है। यहां राजा-महाराजाओं ने अपनी विरासत जमाई थी। इतिहासकारों की मानें तो करीब 500 सालों पहले सेठ, साहूकार, पंडित, किलेदार, दीवान यहां प्यास बुझाने के लिए कुएं बनवाए थे। ऐसे में शहर में कई कुएं का नाम गांव के नाम पर पड़ गया। आपको बता दें कि इस जिले में अलग सागर कुआं, अनूप सागर कुआं, मेहता बख्तावर सागर कुआं, घेरूलाल व्यास का कुआं, बेणेश्वर कुआं, चंपालाल भाटिया कुआं, जीतू जी का कुआं, लाल ईश्वर सागर कुआं सहित अन्य बहुत सारे गांव के नाम शामिल हैं, जो कि कुआं के नाम पर ही रखा गया है और आज भी लोग इसी नाम से इन गांवों को जानते हैं।
आप भी जाएं
यदि आपको कभी मौका मिले, उसे जिले में स्थित गांव को एक्सप्लोर करने का तो आपको यहां जरूर जाना चाहिए। यहां का इतिहास, रहन-सहन, खान-पान, पहनावा-उढ़ावा सब कुछ इसे बाकी सभी जिलों से अलग बनाता है। यहां की खासियत आपको बहुत ही ज्यादा पसंद आएगी। सालों भर यहां पर टूरिस्ट का आना-जाना लगा रहता है। यहां के कलर को लोग बहुत ही पसंद करते हैं।





