वंदे भारत ट्रेन से कीजिये शिर्डी दर्शन, सप्ताह में तीन दिन मिलेगा मौका, देखिये आईआरसीटीसी का टूर प्लान

Atul Saxena
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IRCTC Shirdi Tour with Vande Bharat Train

IRCTC Shirdi Tour with Vande Bharat Train : देश के अलग अलग हिस्सों में शुरू हुई सेमी हाई स्पीड और अति आधुनिक संसाधनों से युक्त वंदे भारत ट्रेन अब यात्रियों को धार्मिक यात्रा पर भी लेकर जा रही है, रेलवे ने इसके लिए शिर्डी और औरंगाबाद का एक टूर प्लान बनाया है , आईआरसीटीसी ने इसकी डिटेल जारी की है, ट्रेन यात्रियों को सप्ताह में तीन दिन लेकर जाएगी।

वंदे भारत ट्रेन लेकर जाएगी शिर्डी के साईं बाबा के दर्शन के लिए  

आईआरसीटीसी ने एक प्लान एनाउंस किया है जो साई भक्तों के लिए बहुत फायदेमंद है, इस टूर में यात्री प्रत्येक गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार को शिर्डी और औरंगाबाद के धार्मिक स्थलों की सैर पर जा सकेंगे, इसके लिए स्पेशल वंदे भारत ट्रेन मुंबई रेलवे स्टेशन से चलेगी।

मुंबई से प्रत्येक गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार चलेगी ट्रेन 

रेलवे द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार ट्रेन में 8 इकोनोमी क्लास की सीट हैं और 50 सीट कम्फर्ट क्लास की है जिसकी बुकिंग शुरू हो चुकी है , ट्रेन मुम्बई से चलेगी और शिर्डी, औरंगाबाद होते हुए वापस इसी रास्ते से चलकर मुंबई पहुंचेगी, टूर 1 रात 2 दिन का है।

रेलवे ने निर्धारित किया किराया, इतने का होगा टिकट 

रेलवे ने इस टूर के लिए किराया भी निर्धारित कर दिया है, कम्फर्ट क्लास में यदि सिंगल व्यक्ति यात्रा करता है तो उसे टिकट के लिए 10,500/- रुपये देने होंगे, यदि दो व्यक्ति एक साथ यात्रा करते हैं तो उनको प्रति व्यक्ति 8,000/- रुपये देने होंगे और यदि तीन व्यक्ति एक साथ यात्रा करते हैं तो किराया प्रति व्यक्ति 7,800/- रुपये लगेगा।

इकोनोमी क्लास का इतना होगा किराया 

इसी तरह इकोनोमी क्लास में यदि सिंगल व्यक्ति यात्रा करता है तो उसे टिकट के लिए 13,000/- रुपये देने होंगे, यदि दो व्यक्ति एक साथ यात्रा करते हैं तो उनको प्रति व्यक्ति 10,500/- रुपये देने होंगे और यदि तीन व्यक्ति एक साथ यात्रा करते हैं तो किराया प्रति व्यक्ति 10,300/- रुपये लगेगा, बच्चों का किराया दोनों न्क्लास में अलग से लगेगा।

 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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