ठाणे के एक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के स्वयंसेवक ने कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री प्रियंक खड़गे को उनके संगठन के खिलाफ की गई टिप्पणियों के लिए कानूनी नोटिस भेजा है। खड़गे ने लगभग दो महीने पहले एक समाचार एजेंसी को दिए साक्षात्कार में कथित तौर पर RSS को चरमपंथी विचारों वाला और ‘संविधान विरोधी’ बताया था। स्वयंसेवक ने इन दावों को मानहानिकारक और निराधार करार देते हुए खारिज किया है।
कानूनी नोटिस में दावा किया गया है कि खड़गे की टिप्पणियां काल्पनिक या जानबूझकर झूठ पर आधारित हैं और उन्होंने 15 दिनों के भीतर बिना शर्त माफी मांगने की मांग की है। नोटिस में चेतावनी दी गई है कि ऐसा न करने पर खड़गे के खर्च और जोखिम पर दीवानी और आपराधिक कार्यवाही शुरू की जाएगी। यह नोटिस ठाणे के निवासी विवेक चंपानेरकर ने भेजा है, जिन्होंने पहले भी राहुल गांधी, दिग्विजय सिंह और जावेद अख्तर जैसे प्रमुख कांग्रेस नेताओं के खिलाफ RSS से संबंधित टिप्पणियों के लिए कानूनी कार्रवाई की है।
सार्वजनिक छवि को किया धूमिल
नोटिस, जो अधिवक्ता आदित्य मिश्रा के माध्यम से जारी किया गया, में खड़गे पर RSS और इसके स्वयंसेवकों की सार्वजनिक छवि को धूमिल करने के लिए बड़ा षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया गया है। इसमें कहा गया है कि चंपानेरकर और उनके सहयोगी इन मानहानिकारक बयानों के कारण रोजाना अपमान का सामना करते हैं।
RSS और कांग्रेस नेताओं के बीच तनाव
यह मामला ठाणे मजिस्ट्रेट कोर्ट में पहले से लंबित अन्य समान मामलों की कड़ी में नवीनतम है। खड़गे की टिप्पणियों और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई ने एक बार फिर RSS और कांग्रेस नेताओं के बीच चल रहे तनाव को उजागर किया है।





