बड़ी तैयारी में ECI, अब वोटर आईडी कार्ड भी होगा आधार से लिंक, 18 मार्च को होगी अहम बैठक, आएगा अंतिम फैसला 

पैन कार्ड की तरह अब वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक करवाना पड़ सकता है। इससे फर्जी वोटिंग के मामले कम होंगे। इस संबंध में निर्वाचन आयोग बैठक का आयोजन करने वाला है।

Manisha Kumari Pandey
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Voter ID Card Linking With Aadhaar: भारत सरकार ने आधार कार्ड को पैन कार्ड से जोड़ना अनिवार्य कर दिया है। ऐसा नहीं करने पर कई योजनाओं का लाभ नहीं मिलता है। अब वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक करने की तैयारी भारतीय निर्वाचन आयोग कर रहा है। इस मामले पर जल्द ही ECI कोई फैसला ले सकता है।

सूत्रों के मुताबिक आधार और  वोटर आईडी को एक दूसरे से जोड़ने वाले मामले को लेकर चुनाव आयोग ने अहम बैठक बुलाई है। मीटिंग का आयोजन 18 मार्च 2025 को हो सकता है। इसमें मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू समेत कानून मंत्रालय, गृह मंत्रालय, यूआईडीएआई और ईएसआई ने कई अधिकारी भी बैठक में हो सकते हैं।

आधार और वोटर आईडी लिंक कराना जरूरी क्यों?

EPIC को आधार से जोड़ने का उद्देश्य वोटर लिस्ट से फर्जी नामों को हटाकर चुनाव प्रक्रिया को बेहतर बनाना है। वर्ष 2021 में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 में संशोधन किया गया था। जिसके तहत इलेक्टर्स फोटो आइडेंटिटी कार्ड यानि वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक करने की अनुमति मिल गई थी। जिसके बाद आयोग ने स्वैच्छिक आधार पर वोटर्स से आधार नंबर मांगना भी शुरू कर दिया था। लेकिन अब तक दोनों के डेटाबेस को लिंक नहीं किया। यदि यह नियम लागू होता है तो फर्जी वोटिंग के मामलों पर रोक लगेगी। पारदर्शिता बढ़ेगी।

तृणमूल कॉंग्रेस और राहुल गांधी ने उठाए थे सवाल 

संसद में तृणमूल कॉंग्रेस ने पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों में वोटर्स के एक ही ईपीआईसी नंबर होने का मुद्दा उठाया था। 11 मार्च को चुनाव आयोग को दिए गए ज्ञापन में “फर्जी मतदाता पंजीकरण” में मदद के लिए आधार क्लोनिंग का आरोप लगाया था। विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी लोकसभा में फर्जी वोटिंग का मुद्दा उठाया था।


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