Aadhaar and Voter ID Card Linking: आधार और वोटर ID को जोड़ने का रास्ता अब साफ हो गया है। मंगलवार को हुई एक बैठक में देश के निर्वाचन आयोग ने इन दोनों को आपस में लिंक करने की अनुमति दी है। इस संबंध में चुनाव आयोग की ओर से बयान जारी किया गया है।
ECI ने कहा कि, “संविधान के अनुच्छेद 326 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 23(4), 23(5) और 23(6) के अनुसार EPIC को आधार से जोड़ा जाएगा।” बता दें कि इससे पहले सरकार ने पैन कार्ड को आधार से जोड़ने का फैसला किया था।

तकनीकी चर्चा के बाद शुरू होगा प्रोसेस
आधार और वोटर आईडी कार्ड दोनों ही महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं। आधार लोगों के पहचान को सत्यापित करता है। वहीं EPIC मतदान का अधिकार देता है। 18 मार्च को सीईसी ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित मीटिंग में दोनों दस्तावेजों को जोड़ने का निर्णय लिया गया है। चुनाव आयोग ने कहा कि दोनों को जोड़ने की प्रक्रिया UIDAI और उसके विशेषज्ञों के बीच तकनीकी चर्चा के बाद जल्द ही शुरू होगी।
आधार को वोटर आईडी से लिंक करने के फायदे?
दोनों दस्तावेजों के लिंकिंग से अवैध आप्रवासियों सहित अन्य मतदाताओं को वोटर लिस्ट से बाहर किया जाएगा। चुनाव के दौरान धांधली भी नहीं होगी। प्रत्येक व्यक्ति के पास सिर्फ एक वोटर आईडी कार्ड होगा। डुप्लिकेट वोटिंग के मामले कम होंगे।
अभी दोनों दस्तावेजों को लिंक करने की प्रक्रिया वैकल्पिक
बता दें कि वर्तमान में आधार कार्ड को वोटर आईडी कार्ड से जोड़ने की सुविधा वैकल्पिक हैं। 2021 में जनप्रीतिनिधित्व अधिनियम 1951 में संशोधन किया गया था। जिसके बाद ईपीसीआई को आधार से लिंक करने की इजाजत मिल गई थी। निर्वाचन आयोग द्वारा आधार नंबरों की मांग तो की गई, लेकिन दोनों का डेटाबेस लिंक नहीं हुआ।