Waqf Amendment Act: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से 7 दिन में मांगा जवाब, अगले आदेश तक वक्फ बोर्ड में कोई नियुक्ति नहीं करने के निर्देश

बता दें, पहले अंतरिम आदेश जारी होने की संभावना जाहिर की गई थी, बुधवार को सुनवाई के पहले ही दिन कोर्ट ने आदेश लिखना शुरू किया था, लेकिन सॉलिसिटर जनरल और कुछ राज्यों के वकीलों ने अपनी बात रखने के लिए और समय मांगा था। इन राज्यों ने वक्फ अधिनियम का समर्थन करते हुए हस्तक्षेप याचिका दायर की है।

Waqf Amendment Act: वक्फ़ संशोधन बिल को लेकर आज गुरुवार को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई , इस दौरान केंद्र सरकार ने जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा जिसपर कोर्ट ने 7 दिन का समय दे दिए लेकिन साथ में ये भी निर्देश दिया कि फिलहाल इस कानून को लेकर पहले जैसी स्थिति बनी रहेगी, अगले आदेश तक वक्फ बोर्ड में कोई नियुक्ति नहीं की जाएगी। कोर्ट ने कहा केंद्र सरकार का जवाब आने तक वक्फ की संपत्ति पहले जैसी बनी रहेगी। अगली सुनवाई तक कलेक्टर वक्फ संपत्ति को लेकर कोई आदेश जारी नहीं करेंगे।

वक्फ़ कानून पर बुधवार से शुरू हुई सुनवाई दूसरे दिन भी हुई, चीफ जस्टिस ने कहा कि अगली सुनवाई तक बोर्ड या काउंसिल की नियुक्ति नहीं हो सकती, उन्होंने कहा यदि 1995 के अधिनियम के तहत पंजीकरण हुआ है तो उन संपत्तियों को नुकसान नहीं पहुंचाया जा सकता। इस दौरान वक्फ बाइ यूजर में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा,मामले में अगली सुनवाई 5 मई को होगी

कोर्ट ने कहा 5 बिन्दुओं पर सहमति बनायें 

CJI ने कहा याचिकाकर्ताओं को जवाब दाखिल करने की अनुमति है। केंद्र सरकार, राज्य सरकारें और वक्फ बोर्ड भी 7 दिनों के अंदर अपना जवाब दाखिल कर सकते हैं। सभी को जल्दी जवाब देना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 110 से 120 फाइलें पढ़ना संभव नहीं हैं, इसलिए सिर्फ पांच पॉइंट तय करने होंगे, जिन पर सुनवाई होगी. मुख्य बिंदुओं पर याचिकाकर्ता सहमति बनाएं।

सरकार ने कोर्ट में ये कहा

जानकारी के मुताबिक सुनवाई के दौरान भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि संशोधित नियमों के अनुसार, सेंट्रल वक्फ काउंसिल और स्टेट वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को नियुक्त नहीं किया जाएगा। तुषार मेहता ने ये भी कहा कि वक्फ, जिसमें वक्फ-बाय-यूजर भी शामिल है, चाहे उसे नोटिफिकेशन द्वारा घोषित किया गया हो या रजिस्टर किया गया हो, अगली सुनवाई तक उसे रद्द नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, “वक्फ, जिसमें वक्फ-बाय-यूजर भी शामिल है, चाहे घोषित हो या रजिस्टर, अगली तारीख तक डी-नोटिफाई नहीं होगा।” मतलब अगली सुनवाई तक वक्फ बोर्ड पहले जैसे ही काम करता रहेगा।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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