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Wed, Dec 17, 2025

‘SIR को रोकने के लिए किया जा रहा नाटक’, सुवेंदु अधिकारी ने भाषा आंदोलन पर ममता बनर्जी को घेरा

Written by:Mini Pandey
Published:
ममता बनर्जी ने 21 जुलाई को कोलकाता में एक कार्यक्रम में निर्वाचन आयोग पर भी निशाना साधा था। उन्होंने दावा किया कि आयोग ने बिहार में मतदाता सूची से 40 लाख लोगों के नाम हटा दिए।
‘SIR को रोकने के लिए किया जा रहा नाटक’, सुवेंदु अधिकारी ने भाषा आंदोलन पर ममता बनर्जी को घेरा

पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता और बीजेपी विधायक सुवेंदु अधिकारी ने रविवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भाषा आंदोलन को लेकर तीखा हमला बोला। उन्होंने ममता के इस कदम को बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन (SIR) को रोकने का नाटक करार दिया। अधिकारी ने ममता पर बांग्लादेशी मुस्लिमों की रक्षक होने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनका बड़ा वोट बैंक घुसपैठिए, बांग्लादेशी और रोहिंग्या हैं। यह बयान ममता के 25 जुलाई को कोलकाता में दिए गए उस बयान के जवाब में आया, जिसमें उन्होंने अन्य राज्यों में बंगाली भाषी लोगों के उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए भाषा आंदोलन का आह्वान किया था।

ममता बनर्जी ने 21 जुलाई को कोलकाता में एक कार्यक्रम में निर्वाचन आयोग पर भी निशाना साधा था। उन्होंने दावा किया कि आयोग ने बिहार में मतदाता सूची से 40 लाख लोगों के नाम हटा दिए और अब बंगाल में भी ऐसा ही करना चाहता है। ममता ने चेतावनी दी कि अगर ऐसा हुआ तो वे घेराव आंदोलन शुरू करेंगी और इस नए कानून को स्वीकार नहीं करेंगी। उन्होंने कहा, “हम लड़ेंगे, इसे बदलेंगे और इसे लागू नहीं होने देंगे।”

SIR को लेकर गहराया विवाद

बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले निर्वाचन आयोग विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) कर रहा है। इस प्रक्रिया में पता चला है कि लगभग 35 लाख मतदाता या तो पता नहीं चलने योग्य हैं या अपने पंजीकृत पते से स्थायी रूप से पलायन कर चुके हैं। आयोग ने स्पष्ट किया है कि एसआईआर दिशानिर्देशों के अनुसार, मतदाता सूची से नाम हटाने से पहले उचित नोटिस और निर्वाचन रजिस्ट्रेशन अधिकारी (ईआरओ) का लिखित आदेश अनिवार्य है।

राजनीतिक तनाव को और बढ़ाया 

सुवेंदु अधिकारी के बयान और ममता बनर्जी के आरोपों ने पश्चिम बंगाल और बिहार के बीच राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया है। ममता का भाषा आंदोलन और निर्वाचन आयोग के खिलाफ उनकी टिप्पणियां जहां बंगाली अस्मिता को रेखांकित करती हैं, वहीं बीजेपी इसे वोट बैंक की राजनीति और घुसपैठियों को संरक्षण देने का आरोप लगाकर जवाब दे रही है। यह विवाद आने वाले दिनों में और तूल पकड़ सकता है।