क्या है जीरो फूड चिल्ड्रन रिपोर्ट से जुड़ा मामला, भारत के लिए है चौंकाने वाले आकड़ें, पूरी खबर विस्तार से

जीरो फूड चिल्ड्रन से जुड़ी एक रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में दुनियाभर के देशों की भूख पर एक स्टडी की गई है। इस स्टडी को JAMA नेटवर्क ओपन में प्रकाशित भी किया गया है। आइए जानते है क्या है जीरो फूड चिल्ड्रन।

Zero Food Children: दुनियाभर के देशों की भूख और गरीबी पर एक स्टडी की गई है। इस स्टडी को JAMA नेटवर्क ओपन में प्रकाशित भी किया गया है। इस रिपोर्ट के आकंडें आपको चौंका सकते है। इस रिपोर्ट के मुताबिक कई देश ऐसे है जो जीरो-फूड चिल्ड्रन के कैटेगरी के अंतर्गत आते है। इस रिपोर्ट में भारत का भी जिक्र किया गया है। भारत में कई ऐसे बच्चें है जिनको शरीर की जरूरत के मुताबिक कैलोरी नहीं मिल पाता है। आइए जानते है क्या कहता है रिपोर्ट।

जीरो फूड चिल्ड्रन क्या है

जीरो फूड चिल्ड्रन का मतलब उन बच्चों से होता है जिन्हें 24 घंटों में उनके शरीर के लिए जरूरत के हिसाब से कैलोरी नहीं मिल पाता है। यानी कि वो बच्चे अपने शरीर के हिसाब से जरूरी पौष्टिक भोजन नहीं खाएं हो। साधारण शब्दों में समझे तो बच्चों को 24 घंटे तक ऐसा खाना नहीं मिल रहा जिसकी उनके शरीर को जरूरत है। जिस वजह से वो बच्चें कई परेशानियों का सामना करते है। इसका सीधा असर बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास पर पड़ता है।

सबसे ज्यादा संख्या दक्षिण एशिया के देशों में

रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा जीरो फूड चिल्ड्रन की संख्या दक्षिण एशिया में ही है। इन देशों में लगभग 80 लाख बच्चे ऐसे हैं जिन्हें सही मात्रा में पौष्टिक आहार नहीं मिल पाता है। जिस वजह से बच्चे कमजोर होते है। इन देशों के बच्चों पर इसका सीधा असर पड़ता है। ये उनको शारिरीक और मानसिक रूप से कमजोर कर देता है। इस रिपोर्ट के मुताबिक बच्चों को 24 घंटे के दौरान कुछ न कुछ कैलोरी मिलती रहनी चाहिए।

भारत तीसरे नंबर पर

रिपोर्ट बताती है कि सबसे ज्यादा जीरो-फूड चिल्ड्रन के बच्चे गिनी में पाए जाते है। गिनी में 21.8% जीरो फूड चिल्ड्रन वाले बच्चे पाए जाते है। वहीं माली दूसरे नंबर पर है। माली में ये संख्या 20.5 बताई गई है। ये दो वो देश है जहां पर जीरो-फूड के मामले सबसे ज्यादा है। वहीं अगर भारत की बात करें तो भारत इस सूची में तीसरे स्थान पर है। भारत में जीरो-फूड चिल्ड्रन से जुड़े मामले 19.3% है।


About Author
Saumya Srivastava

Saumya Srivastava

पत्रकार बनने का सपना तो स्कूल के समय से ही था। फिर इस सपने को पंख लगाने के लिए मैंने DDU गोरखपुर से पत्रकारिता में स्नातक किया। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल से डिजिटल जर्नलिज्म में परास्नातक की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई के दौरान ही सीखने के लिए मैंने अनादि टीवी में इनपुट डेस्क पर काम किया फिर डिजिटल मीडिया में कदम रखते हुए द सूत्र में काम किया फिर एमपी ब्रेकिंग न्यूज से जुड़ी। उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले की रहने वाली हूं। मैं पॉलिटिकल, क्राइम, हेल्थ, एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल पर खबरें लिखती हूं।

Other Latest News