Sitaram Yechury Death: गुरुवार को 72 वर्ष की उम्र में वरिष्ठ माकपा नेता सीताराम येचुरी का निधन हो गया। वह लंबे समय से सांस की बीमारी से जूझ रहे हैं। एम्स दिल्ली में उनका इलाज चल रहा था। कम्युनिस्ट नेता के निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपर्ती द्रौपदी मुर्मू, राहुल गांधी समेत कई राजनीति हस्तियों से श्रद्धांजलि दी।
पीएम मोदी ने सीताराम येचुरी के निधन पर शोक व्यक्त किया और सोशल मीडिया पर लिखा, “सीताराम येचुरी के निधन से दुख हुआ। वह वामपंथी के अग्रणी प्रकाश थे और राजनीतिक स्पेक्ट्रम से जुड़ने की अपनी क्षमता के लिए प्रसिद्ध थे। उन्होंने एक प्रभावी संसद के रूप में अपनी खास पहचान बनाई है। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ है।”
सीताराम येचुरी के बारे में खास बातें (Who was Sitaram Yechury)
जन्म और शिक्षा (Sitaram Yechury Birth and Education)
दो शादियाँ की थी (Sitaram Yechury Family)
कैसा रहा राजनीतिक करियर? (Sitaram Yechury Political Background)
जेएनयू छात्र नेता के रूप में सीताराम येचुरी का राजनीतिक संघर्ष शुरू हुआ। उन्हें इमरजेंसी के दौरान उन्हें जेल भी जाना पड़ा। जेएनयू में उन्होंने वामपंथी राजनीति को एक्टिव करने में अहम भूमिका निभाई। 1977 से लेकर 1978 के बीच वह तीन बार जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष बने। 1978 में एसएफआई के अखिल भारतीय संयुक्त सचिव के रूप में उन्हें चुना गया। फिर अध्यक्ष बने। 1984 में उन्हें सीपीएम केंद्र समिति के लिए चयनित किया गया। 2005 में वह पहली बार पश्चिम बंगाल से राज्यसभा सदस्य बने। 2017 तक वह राज्यसभा में ही रहे। 2008 में जब भारत अमेरिका के बीच असैन्य परमाणु समझौता हुआ, इस दौरान सीताराम येचुरी काफी सुर्खियों में रहे। मनमोहन सिंह की सरकार को माकपा की कई शर्तें भी माननी पड़ी थी।