Indian Railways : भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। यहां हजारों लोग अपने गंतव्य तक जाते हैं। देश के हर एक प्लेटफार्म से लगभग कुल मिलाकर 1300 से अधिक ट्रेनें एक दिन में संचालित की जाती है, जो अलग-अलग रूट पर चलाई जाती है। इस दौरान वह बहुत से स्टेशन पर भी रूकती है और इस तरह अपने निश्चित समय अंतराल पर निर्धारित समय अनुसार पहुंच जाता है। यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रेल विभाग द्वारा समय-समय पर नियमों में बदलाव भी किए जाते हैं। एक से बढ़कर एक वीआईपी ट्रेंस चलाई जा रही है। छोटे से लेकर बड़े स्टेशनों का निर्माण रोजगार के नए अवसर सृजीत करता ही है, तो वहीं इससे लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचने में काफी सुविधा होती है। ट्रेन एक ऐसा माध्यम है, जिसमें हर तबके के लोग सफर कर सकते हैं। इस दौरान लोगों को नए-नए तरह के अनुभव को जानने का मौका मिलता है। अक्सर ट्रेन में सफर करते वक्त ऐसी बहुत सी चीज देखने और जन को मिलती है, जो शायद ही आपने कभी सुना हो।
अक्सर रेलवे स्टेशंस भी अपने आप में अलग-अलग तरीके से सजाए जाते हैं। कहीं-कहीं तो रेलवे स्टेशनों पर स्थानीय शहरों और राज्यों की संस्कृति की झलक भी देखने को मिलती है। वहीं, रेलवे प्लेटफार्म पर चलते वक्त आपने यह नोटिस किया होगा कि यहां पीली लाइन पर गोले बने होते हैं।
रेलवे प्लेटफार्म की पीली लाइन पर क्यों होते हैं गोले
क्या आपके मन में कभी यह सवाल उठा है कि आखिर ऐसा क्यों होता है? अक्सर ट्रेन का इंतजार कर रहे लोग प्लेटफार्म पर कई अनोखी चीजों को अनदेखी कर देते हैं। ना ही उसके बारे में जानने का प्रयास करते हैं, लेकिन इन चीजों का जानना जनरल नॉलेज के लिहाज से काफी ज्यादा जरूरी है। यह आपकी सुरक्षा से भी जुड़ा है।
जानें कारण (Indian Railways)
दरअसल, प्लेटफार्म की पीली लाइन पर गोले इसलिए बनाए जाते हैं, ताकि पेसेजंर्स ट्रेन का इंतजार करते हुए प्लेटफार्म के आखिरी सीमा तक ना पहुंच जाएं। कई बार ऐसा होता है कि लोग इस लाइन को क्रॉस कर जाते हैं, जिस कारण हादसों के चांसेस ज्यादा बढ़ जाते हैं। यह लाइन उन्हें याद दिलाती है कि आपको यहीं पर खड़े होकर ट्रेन का इंतजार करना है। इंडियन रेलवे द्वारा प्लेटफार्म पर पीली लाइन को संकेत के तौर पर माना जाता है। गलती से भी इस लाइन को क्रॉस करना आपके लिए भारी पड़ सकता है। इसके लिए जान की बाजी भी कई बार लग जाती है। वहीं, यदि आप रेलवे पुलिस की नजर में आ गए, तो आपको इसका जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।
हो सकती है परेशानी
अब मन में यह प्रश्न उठना होगा कि केवल पीले लाइन ही संकेत के लिए काफी हो सकती है। इसमें ऊंचे गोले क्यों बनाए जाते हैं। तो इसका जवाब है कि यह दिव्यांगों को दृष्टि में रखकर बनाया गया है, ताकि उन्हें महसूस हो और वह सचेत हो जाए। इससे वह दुर्घटना का शिकार नहीं होंगे। दिव्यांग यात्रियों को गोले के ऊभरे हुए स्पर्श से दूरी का अंदाजा मिल जाता है, इसलिए रेलवे द्वारा प्लेटफार्म की पीली लाइन पर उभरे हुए गोले बनाए जाते हैं, ताकि यात्री किसी भी दुर्घटना के शिकार होने से बच सके।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)