भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। अगर आपके दो बच्चे हैं तो आपको तीसरे बच्चे के लिए मातृत्व अवकाश (maternity leave) नहीं मिलेगा, भले ही दोनों बच्चे पति की पहली पत्नी से क्यों न हो। ये फैसला हरियाणा हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।
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इस फैसले के मुताबिक अगर कोई महिला ऐसे पुरूष से विवाह करती है, जिसके पहले से दो बच्चे हैं तो उसके गर्भवती होने पर उसे मेटरनिटी लीव नहीं मिलेगी। महिला भले बच्चों की बायोलॉजिकल मां न हो और पहली बार गर्भवती हुई हो, फिर भी उसे मातृत्व अवकाश नहीं दिया जाएगा। दरअसल, पीजीआई चंडीगढ़ की एक नर्स ने उसकी मैटरनिटी लीव रद्द करने के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता दीपिका सिंह ने कहा था कि उसका विवाह अमर सिंह से हुआ था जिसकी पहली पत्नी की मृत्यु हो चुकी थी और पहली पत्नी से उसे दो बच्चे थे। दीपिका सिंह 6 जून 2019 को बायोलॉजिकल मां बनी और उसने मातृत्व अवकाश के लिए आवेदन दिया। लेकिन उसका ये आवेदन ये कहते हुए अस्वीकर कर दिया गया कि उसके पहले से दो बच्चे हैं और तीसरे बच्चे के लिए मातृत्व अवकाश नहीं दिया जाता है।
इसके बाद दीपिका ने सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) में याचिका दायर की। लेकिन CAT ने भी PGI के आदेश को सही मानते हुए याचिका खारिज कर दी। इसके बाद दीपिका ने हाईकोर्ट में अर्जी लगाई। लेकिन यहां भी फैसला उसके खिलाफ ही आया। जस्टिस जसंवत सिंह और जस्टिस संत प्रकाश की बेंच ने अपने फैसले में कहा है कि दीपिका उन दो बच्चों की मां भी है, जो उसके पति की पहली पत्नी से जन्मे हैं, उसने उन दो बच्चों की देखभाल के लिए भी चाइल्ड केयर लीव ली थी। ऐसे में वो तीसरे बच्चे के लिए मातृत्व अवकाश पाने की अधिकारी नहीं है।