विश्व साइकिल दिवस: दोपहिया जो स्वास्थ्य भी सुधारे पर्यावरण भी संवारे, जानिए इस दिन का इतिहास और महत्व

आज का दिन हमें याद दिलाता है कि छोटे-छोटे कदम..या यूं कहें कि छोटे-छोटे पेडल बड़े बदलाव ला सकते हैं। इसलिए आप भी अपनी साइकिल निकालें, सड़कों पर निकलें और पर्यावरण के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य की भी रक्षा करें।

क्या आपने कभी सोचा है कि एक साधारण साइकिल आपके स्वास्थ्य के साथ-साथ धरती को भी बचा सकती है? यही याद दिलाने के लिए हर साल 3 जून को ‘विश्व साइकिल दिवस’ मनाया जाता है। यह दिन सिर्फ एक दो-पहिया वाहन का उत्सव नहीं है, बल्कि एक आंदोलन है एक हरित, स्वस्थ और टिकाऊ भविष्य की ओर।

क्या आप जानते हैं कि एक घंटे तक साइकिल चलाने से 400-600 कैलोरी बर्न हो सकती हैं, जो एक अच्छा वर्कआउट है। आज का दिन न सिर्फ साइकिल की सवारी को बढ़ावा देता है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य और सामाजिक एकजुटता का भी प्रतीक है।

विश्व साइकिल दिवस क्यों मनाया जाता है

विश्व साइकिल दिवस का उद्देश्य साइकिल को एक सस्ता, टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन साधन के रूप में प्रोत्साहित करना है। यह दिन लोगों को साइकिल चलाने के लिए प्रेरित करता है ताकि वे स्वस्थ रहें, ट्रैफिक की समस्या कम हो। सबसे महत्वपूर्ण बात ये कि कार्बन उत्सर्जन में कमी आए। संयुक्त राष्ट्र ने 2018 में 3 जून को विश्व साइकिल दिवस के रूप में घोषित किया ताकि साइकिल के सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय लाभों को दुनिया भर में फैलाया जा सके।

विश्व साइकिल दिवस की शुरुआत का श्रेय पोलैंड के प्रोफेसर लेस्ज़ेक सिबिल्स्की को जाता है जिन्होंने साइकिल के महत्व को उजागर करने के लिए एक वैश्विक अभियान शुरू किया। उनके प्रयासों से संयुक्त राष्ट्र ने 12 अप्रैल, 2018 को इस दिन को आधिकारिक रूप से मान्यता दी। तब से हर साल यह दिन साइकिल की उपयोगिता और इसके सकारात्मक प्रभावों को दर्शाता है।

विश्व साइकिल दिवस के मुख्य उद्देश्य

1. स्वास्थ्य को बढ़ावा: साइकिल चलाना एक बेहतरीन व्यायाम है जो हृदय, फेफड़ों और मांसपेशियों को मजबूत करता है। यह तनाव कम करने में भी मदद करता है।
2. पर्यावरण संरक्षण: साइकिल चलाने से फॉसिल फ़्यूल की खपत और वायु प्रदूषण में कमी आती है।
3. सामाजिक समानता: साइकिल एक किफायती साधन है, जो हर वर्ग के लोगों के लिए सुलभ है। खासकर उन क्षेत्रों में जहां अन्य परिवहन साधन महंगे हैं।
4. शहरी यातायात में सुधार: साइकिल के उपयोग से ट्रैफिक जाम और पार्किंग की समस्याएं कम हो सकती हैं।

साइकिल का पर्यावरण के लिए महत्व

साइकिल को “हरित परिवहन” का प्रतीक भी कहा जाता है। साइकिल चलाने से कोई कार्बन डाइऑक्साइड या प्रदूषक गैसें नहीं निकलतीं, जो इसे जलवायु परिवर्तन से लड़ने का एक शक्तिशाली हथियार बनाता है। इसे चलाने के लिए सिर्फ मानव ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जिससे यह सबसे ऊर्जा-कुशल परिवहन साधन है। साइकिल निर्माण में अन्य वाहनों की तुलना में कम सामग्री और ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इससे कोई शोर नहीं होता, जिससे शहरी क्षेत्रों में शांति बनी रहती है।


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Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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