विश्व रक्तदान दिवस: एक छोटा कदम बचा सकता है कई ज़िंदगियां, जानिए इस दिन का इतिहास, उद्देश्य और महत्व

रक्त लैब में नहीं बनाया जा सकता। यह सिर्फ इंसानों से ही मिल सकता है। एक बार रक्तदान करने से 3 लोगों की जान बचाई जा सकती है। अगर आप 18-65 साल के बीच हैं, स्वस्थ हैं और आपका वजन 45 किलो से ज्यादा ह तो आप रक्तदान कर सकते हैं। हर 3-4 महीने में एक बार रक्तदान किया जा सकता है और यह पूरी तरह सुरक्षित है।

आज विश्व रक्तदान दिवस है। हर साल 14 जून को ये दिन उन स्वैच्छिक रक्तदाताओं के सम्मान और आभार के रूप में मनाया जाता है जिन्होंने अपना खून देकर अनगिनत ज़िंदगी बचाई हैं। इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों को निस्वार्थ रक्तदान के लिए प्रेरित करना है।

आज के दिन सीएम मोहन यादव ने कहा है कि ‘विश्व रक्तदाता दिवस प्रेरणा देता है कि रक्तदान महादान है, जीवनदान है। रक्तदान नरसेवा से नारायण सेवा का माध्यम है, जो हमारे प्रयास से अनमोल जिंदगियों के लिए वरदान बनता है। इस अवसर पर सभी रक्तदाताओं को नमन करता हूं, जिन्होंने पुण्यकर्म से मानवता की अतुलनीय सेवा की।’

विश्व रक्तदान दिवस का इतिहास

विश्व रक्तदान दिवस की शुरुआत 2004 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट सोसाइटीज द्वारा की गई थी। 14 जून का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि इस दिन कार्ल लैंडस्टीनर का जन्म हुआ था, जिन्हें रक्त समूह प्रणाली (ABO Blood Group System) की खोज के लिए 1930 में नोबेल पुरस्कार मिला था। उनकी खोज ने सुरक्षित रक्त आधान को संभव बनाया, जो आधुनिक चिकित्सा का आधार है।

रक्तदान का महत्व

रक्तदान बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे कई जिंदगी बचती हैं। किसी दुर्घटना, ऑपरेशन या बीमारी के समय रक्त की जरूरत पड़ती है। एक बार रक्तदान करने से 3 लोगों की जान बचाई जा सकती है। कैंसर, थैलेसीमिया जैसी बीमारियों में बार-बार ख़ून चढ़ाना पड़ता है। कई बार प्रसव के दौरान स्त्री को रक्त की जरूरत होती है। बाढ़, भूकंप जैसी आपदाओं में रक्त की कमी को पूरा करने के लिए भी रक्तदान जरूरी है।

इस दिन का उद्देश्य

विश्व रक्तदान दिवस बिना किसी लालच या प्रलोभन के रक्तदान को बढ़ावा देता है। नियमित रूप से रक्तदान करने वालों के प्रति आभार व्यक्त हुए उन्हें सम्मानित करने का दिन है। क्त बैंकों और ट्रांसफ्यूजन सेवाओं को आधुनिक बनाना, जागरूकता फैलाना और रक्तदान की जरूरत और इसके लाभों की जानकारी देने के उद्देश्य से ये दिन मनाया जाता है।


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Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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