आज विश्व पर्यावरण दिवस है। ये दिन हमें पर्यावरण को बचाने और इसके प्रति जागरूक होने की याद दिलाता है। पर्यावरण हमारा घर है जिसमें हवा, पानी, पेड़-पौधे और जीव-जंतु शामिल हैं। लेकिन आज हमारा पर्यावरण कई खतरों का सामना कर रहा है। बढ़ता प्रदूषण, पेड़ों की कटाई, और जलवायु परिवर्तन हमारी धरती को बीमार कर रहे हैं। आज का दिन हमें याद दिलाता है कि हमारी धरती की देखभाल हम सबकी साझा जिम्मेदारी है।
पर्यावरण हमारी जिंदगी का आधार है। साफ हवा हमें सांस लेने के लिए चाहिए, स्वच्छ पानी पीने के लिए जरूरी है, और पेड़-पौधे हमें भोजन, छाया और ऑक्सीजन देते हैं। जानवर और पक्षी प्रकृति का संतुलन बनाए रखते हैं। अगर पर्यावरण स्वस्थ नहीं रहेगा, तो हमारा जीवन भी मुश्किल हो जाएगा। आज जब हम विश्व पर्यावरण दिवस मना रहे हैं, यह समय है कि हम अपनी धरती के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझें।

पर्यावरण क्या है
पर्यावरण वह सब कुछ है जो हमें जीने के लिए चाहिए..जैसे हवा, पानी, मिट्टी, पेड़-पौधे और जानवर। यह हमारे जीवन, स्वास्थ्य और खुशहाली का आधार है। लेकिन प्रदूषण, जंगलों की कटाई और जलवायु परिवर्तन की वजह से हमारा पर्यावरण खतरे में है। विश्व पर्यावरण दिवस हमें इन समस्याओं को समझने और हल करने का मौका देता है।
विश्व पर्यावरण दिवस का इतिहास
विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत 5 जून 1972 को हुई, जब संयुक्त राष्ट्र ने स्वीडन के स्टॉकहोम में पर्यावरण पर एक बड़ा सम्मेलन किया। इस सम्मेलन में पर्यावरण को बचाने का फैसला लिया गया। इसके बाद से हर साल 5 जून को यह दिन मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) इसे आयोजित करता है और हर साल एक नई थीम के साथ ये दिन मनाया जाता है।
इस साल की थीम
इस साल विश्व पर्यावरण दिवस की थीम “प्लास्टिक प्रदूषण को हटाना” है जो आज के समय हमारे पर्यावरण के लिए सबसे बड़े खतरों में से एक है। प्लास्टिक हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बन चुका है अब धरती, नदियों, समुद्रों और जीव-जंतुओं के लिए एक गंभीर खतरा बन गया है। प्लास्टिक प्रदूषण एक वैश्विक समस्या है। प्लास्टिक एक ऐसी सामग्री है जो सस्ती, टिकाऊ और हल्की होती है, लेकिन यह सैकड़ों सालों तक पर्यावरण में बनी रहती है। हर साल दुनिया भर में लगभग 40 करोड़ टन प्लास्टिक बनाया जाता है और इसका बड़ा हिस्सा नदियों, समुद्रों और जंगलों में पहुंचकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है।समुद्रों में हर साल 80 लाख टन से ज़्यादा प्लास्टिक कचरा पहुंचता है जिससे मछलियां, कछुए और अन्य समुद्री जीव मर रहे हैं। खेतों और जंगलों में फेंका गया प्लास्टिक मिट्टी की उर्वरता को कम करता है।प्लास्टिक को जलाने से जहरीली गैसें निकलती हैं, जो हवा को दूषित करती है। इसीलिए हमें अपने पर्यावरण को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए हरसंभव प्रयास करने की ज़रूरत है।
विश्व पर्यावरण दिवस का उद्देश्य और महत्व
आज का दिन पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित है। प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता हानि जैसे मुद्दों पर ध्यान दिया जाए, बेहद जरूरी है। विश्व पर्यावरण दिवस पर्यावरण संरक्षण को वैश्विक प्राथमिकता बनाता है। यह हमें जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और प्रजातियों के नुकसान से होने वाले खतरों की याद दिलाता है। यह दिन सामूहिक कार्रवाई..जैसे वृक्षारोपण, सफाई अभियान और हरित नीतियों को प्रोत्साहित करता है ताकि हमारी धरती को स्वस्थ और सुरक्षित रखा जा सके। आइए आज के दिन मिलकर संकल्प लेते हैं कि हम हमारी धरती को सुंदर और प्रदूषण मुक्त बनाने में अपना पूरा सहयोग देंगे।