Tue, Dec 23, 2025

World Kindness Day 2024 : विश्व दयालुता दिवस आज, जानिए इतिहास और आज के दिन का महत्व

Written by:Shruty Kushwaha
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Last Updated:
मन में दया और सहानुभूति हो तो हम स्वार्थ से ऊपर उठकर सबके बारे में सोच पाते हैं। विश्व दयालुता दिवस हमें याद दिलाता है कि दया और करुणा मानवता का सबसे बड़ा गुण है। दयालुता के कार्य न सिर्फ दूसरों को, बल्कि खुद को भी मानसिक और भावनात्मक संबल देते हैं। जब हम इन गुणों को अपनाते हैं तो एक बेहतर, सकारात्मक और सशक्त समाज के निर्माण की ओर कदम बढ़ाते हैं।
World Kindness Day 2024 : विश्व दयालुता दिवस आज, जानिए इतिहास और आज के दिन का महत्व

World Kindness Day 2024 : आज विश्व दयालुता दिवस (वर्ल्ड काइंडनेस डे) है। समाज में दया, करुणा और सहानुभूति की भावना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस दिन को मनाया जाता है। हम सब प्राणी इस घरती पर एक साथ रह रहे हैं और एक दूसरे के प्रति दया और करूणा का भाव रखकर ही जीवन को सुंदर और सार्थक बनाया जा सकता है। दयालुता गुण है जो समाज के साथ हमारे स्वयं के लिए भी बेहद जरूरी है।

दयालुता सिर्फ दूसरों की मदद करने या सहानुभूति दिखाने का तरीका नहीं है, बल्कि इससे व्यक्ति का अपना मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है। जब हमारे भीतर करूणा और दया का भाव रहता है तो हम अपने साथ दूसरों की भलाई के बारे में भी सोचते हैं। ये गुण हमें एक बेहतर मनुष्य बनाने में मदद करता है। मनुष्य और मनुष्यता की रक्षा के लिए दयालुता की भावना बहुत महत्वपूर्ण है।

क्यों जरूरी है दया की भावना

दयालुता से व्यक्ति के मस्तिष्क में ‘ऑक्सीटोसिन’ हार्मोन का स्राव होता है, जो तनाव को कम करने और खुशी बढ़ाने में मदद करता है। यह व्यक्ति को अधिक सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ जीने में सहायता करता है। दयालुता का भाव समाज में आपसी मेलजोल और विश्वास को बढ़ाती है। दया का कार्य लोगों को एक-दूसरे के करीब लाते हैं और इससे सामाजिक जुड़ाव होता है। इससे समुदायों में आपसी सहयोग और समर्थन बढ़ता है। एक शोध से पता चला है कि दयालु लोग मानसिक और शारीरिक रूप से अधिक स्वस्थ होते हैं। दया से तनाव कम होता है और व्यक्ति अधिक संतुष्ट और खुश रहता है। दूसरों के प्रति दया दिखाने के साथ-साथ स्वयं के प्रति भी दयालु होना आवश्यक है। आत्म-देखभाल और आत्म-सम्मान को बढ़ावा देने से व्यक्ति का आत्मविश्वास और जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है।

विश्व दयालुता दिवस का इतिहास

महात्मा गांधी का प्रसिद्ध कथन है “दयालुता के सबसे सरल कार्य, प्रार्थना में झुके हुए हज़ार सिरों से कहीं अधिक शक्तिशाली होते हैं”। विश्व दयालुता दिवस इसी बात का समर्थन करता है। वर्ल्ड काइंडनेस डे (विश्व दयालुता दिवस) की शुरुआत 13 नवंबर 1998 को वर्ल्ड काइंडनेस मूवमेंट (WKM) द्वारा की गई थी। वर्ल्ड काइंडनेस मूवमेंट एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है, जिसकी स्थापना 1997 में जापान में हुई थी। इसका उद्देश्य अलग-अलग देशों के दयालुता संगठनों को जोड़ना और वैश्विक स्तर पर दयालुता को बढ़ावा देना था। वर्ल्ड काइंडनेस डे को पहली बार 1998 में मनाया गया था और तब से इसे हर साल 13 नवंबर को दुनिया के कई देशों में मनाया जाता है। विश्व दयालुता दिवस का मुख्य उद्देश्य समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करना, लोगों को दयालुता के प्रति जागरूक करना और दूसरों के प्रति सहानुभूति का भाव बढ़ाना है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि छोटे-छोटे दयालुता के कार्य भी समाज में बड़ा बदलाव लाते हैं।

विश्व दयालुता दिवस का महत्व

1. समाज में सकारात्मकता बढ़ाना : विश्व दयालुता दिवस समाज में सकारात्मक सोच और माहौल को बढ़ावा देने का अवसर है। यह दिन हमें छोटे-छोटे कार्यों के महत्व को समझने और उन्हें अपने दैनिक जीवन में अपनाने के लिए प्रेरित करता है।
2. दया के महत्व का संदेश : यह दिन हमें याद दिलाता है कि दयालुता की भावना से दुनिया को अधिक शांतिपूर्ण और प्रेमपूर्ण बनाया जा सकता है। यह समाज में दया का संदेश फैलाने और लोगों को इस दिशा में प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।
3. वैश्विक सहानुभूति और एकता का संदेश : आज का दिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोगों को जोड़ता है, और दयालुता के जरिए समाज में सहानुभूति और एकता की भावना को मजबूत बनाता है। दयालुता का एक छोटा सा कार्य भी समाज में बड़ा बदलाव ला सकता है, और यह दिवस इस बात की महत्वपूर्ण याद दिलाता है।