World Migratory Bird Day: आसमान के रंगीन मेहमान, क्यों जरूरी है इन पंछियों की सुरक्षा, विश्व प्रवासी पक्षी दिवस पर जानिए इसका उद्देश्य और महत्व

भारत प्रवासी पक्षियों के लिए एक फेवरेट डेस्टिनेशन है। सर्दियों में ढेर सारे पक्षी ठंडे देशों से हमारे गर्म देश में छुट्टियां मनाने आते हैं। इनमें ग्रेटर फ्लेमिंगो, साइबेरियन सारस, अमूर फाल्कन, बार-हेडेड गूज, ब्राह्मणी बतख, ब्लू-टेल्ड बी-ईटर, डेमोइसेल क्रेन जैसे कई पक्षी शामिल हैं। विश्व प्रवासी पक्षी दिवस हमें सिखाता है कि प्रकृति के ये मेहमान हमारी जिम्मेदारी हैं।

World Migratory Bird Day : आज विश्व प्रवासी पक्षी दिवस है। हर साल मई और अक्टूबर महीने के दूसरे शनिवार को ये दिन मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों में प्रवासी पक्षियों और उनके प्राकृतिक आवासों की सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाना है। प्रवासी पक्षी हमारे पर्यावरण को संतुलित रखने में मदद करते हैं। इनके बिना कई प्राकृतिक तंत्र गड़बड़ा सकते हैं।

प्रवासी पक्षी हर साल हजारों किलोमीटर की यात्रा करते हैं, जो उन्हें अलग-अलग जलवायु और पारिस्थितिक तंत्रों से जोड़ती है। उनकी यात्रा प्राकृतिक संतुलन और जैव विविधता के लिए बेहद अहम होती है। लेकिन आज जलवायु परिवर्तन, अवैध शिकार, प्रदूषण और आवास विनाश के कारण प्रवासी पक्षियों की कई प्रजातियाँ खतरे में हैं।

विश्व प्रवासी पक्षी दिवस

विश्व प्रवासी पक्षी दिवस यानी आसमान के उन साहसी यात्रियों का दिन, जो हजारों किलोमीटर की उड़ान भरकर हमारे देश और दुनियाभर में आते हैं। ये खूबसूरत पक्षी न सिर्फ हमारी प्रकृति को रंगीन बनाते हैं बल्कि हमारे पर्यावरण को स्वस्थ रखने में भी बड़ी भूमिका निभाते हैं।

विश्व प्रवासी पक्षी दिवस की शुरुआत 2006 में हुई थी। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के तहत दो बड़े संगठनों ने मिलकर इसे शुरू किया ताकि लोग प्रवासी पक्षियों और उनके आवासों की सुरक्षा के लिए जागरूक हो सकें। मई और अक्टूबर के दूसरे शनिवार को ये दिन मनाया जाता है, क्योंकि यही वो समय है जब ये पक्षी अपने लंबे सफर पर निकलते हैं। ये महीने पक्षियों के प्रवास चक्र के लिए महत्वपूर्ण हैं जब वे प्रजनन और गैर-प्रजनन स्थलों के बीच हजारों किलोमीटर की यात्रा करते हैं।

क्यों जरूरी हैं ये पक्षी

कल्पना करें..अगर आसमान में रंग-बिरंगे पक्षी न उड़ें तो वो कितना सूना लगेगा। ये प्रवासी पक्षी सिर्फ सुंदर ही नहीं, हमारे पर्यावरण के सुपरहीरो भी हैं। ये फूलों का परागण करते हैं, बीज फैलाते हैं और हानिकारक कीड़ों को खाकर हमारी फसलों को भी बचाते हैं। उदाहरण के लिए ब्लू-टेल्ड बी-ईटर जैसे पक्षी मधुमक्खियों और कीटों को खाकर किसानों का काम आसान करते हैं। लेकिन अफसोस..जंगलों की कटाई, प्रदूषण और कीटनाशकों की वजह से इनके लिए मुश्किलें बढ़ रही हैं।

इस दिन का उद्देश्य और महत्व

विश्व प्रवासी पक्षी दिवस हमें ये याद दिलाता है कि इन पक्षियों को जंगल, झीलें और साफ आसमान चाहिए..वरना वो मुश्किल में पड़ सकते हैं। ये पक्षी कई देशों से होकर गुजरते हैं..तो सबको मिलकर उनकी रक्षा करनी होगी। कीड़े इन पक्षियों का खाना हैं और इस चेन को सुरक्षित रखने के लिए हमें कीटनाशकों का कम इस्तेमाल करना होगा। नमी वाली ज़मीन और जंगलों को बचाने की जरूरत है क्योंकि यही इन पक्षियों का घर है।

विश्व प्रवासी पक्षी दिवस सिर्फ एक दिन नहीं..बल्कि एक वैश्विक आह्वान है उन पक्षियों के लिए जो सीमाओं से परे उड़कर धरती के एक छोर से दूसरे छोर तक लंबा सफर करते हैं। हमारी जिम्मेदारी है कि इन सुंदर यात्रियों के सफर को सुरक्षित और टिकाऊ बनाने में सहयोग करें, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी प्रकृति के इन दूतों को निहार सकें और पर्यावरण संतुलन बना रहे।


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Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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