आज विश्व दूरसंचार दिवस है। हर साल 17 मई को विश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस वैश्विक स्तर पर संचार तकनीक की भूमिका, उसके विकास और समाज पर उसके प्रभाव को रेखांकित करने के उद्देश्य के साथ मनाया जाता है। आज के समय में जब संचार सिर्फ बात करने का माध्यम नहीं, बल्कि डिजिटल परिवर्तन का आधार बन चुका है तब इस दिन का महत्व और बढ़ जाता है।
इस दिन का मकसद है लोगों को यह समझाना है कि संचार और तकनीक साधन जैसे मोबाइल, इंटरनेट, टेलीफोन आदि हमारे जीवन के लिए कितने जरूरी हो गए हैं। आज कोई कहीं भी हो..गांव में या विदेश में, मोबाइल और इंटरनेट से तुरंत किसी से भी जुड़ सकते हैं। यह सब दूरसंचार की वजह से मुमकिन हुआ है। ऑनलाइन क्लास, डिजिटल किताबें और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म आज के समय में शिक्षा का नया तरीका बन गए हैं।

विश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस का इतिहास
विश्व दूरसंचार दिवस की शुरुआत 17 मई 1865 को हुई थी, जब इंटरनेशनल टेलीग्राफ कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किए गए थे। उस दिन पेरिस में एक समझौता हुआ, जिसने दुनिया भर में संचार को बेहतर बनाने का रास्ता खोला। यह दिन अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) की स्थापना का भी प्रतीक है। ITU संयुक्त राष्ट्र की एक विशेषीकृत एजेंसी है जो वैश्विक दूरसंचार और सूचना तकनीक से संबंधित मानकों, नीतियों और सहयोग को संचालित करती है। पहले इसे सिर्फ विश्व दूरसंचार दिवस कहा जाता था। साल 1973 में ITU ने आधिकारिक तौर पर 17 मई को यह दिन मनाने का फैसला किया। फिर 2005 में संयुक्त राष्ट्र ने इसे सूचना समाज दिवस के रूप में भी जोड़ा। 2006 में दोनों को मिलाकर विश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस बनाया गया।
इस दिन का उद्देश्य
इस दिन के मुख्य उद्देश्यों में हैं लोगों को जागरूक करना है। वो इंटरनेट और फोन के फायदे समझें और इनका सही इस्तेमाल करें। इसके साथ सभी को इन सुविधाओं से जोड़ना..उन इलाकों में संचार सुविधाएं पहुंचाना जहां अभी ये उपलब्ध नहीं हैं। संचार में नए आविष्कारों को प्रोत्साहित करना, शिक्षा, स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों में तकनीक का उपयोग बढ़ाना भी इस दिन के प्रमुख उद्देश्यों में शामिल हैं।
विश्व दूरसंचार दिवस का महत्व
दूरसंचार आज हमारे जीवन का बहुत अहम हिस्सा है। यह हमें एक-दूसरे से जोड़ता है और देश-दुनिया को आगे बढ़ाने में मदद करता है। इंटरनेट और फोन ने ऑनलाइन पढ़ाई, दुकानदारी और बैंकिंग को आसान बनाया है। भारत में 2023 तक 1.179 बिलियन लोग फोन और इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे थे, जो देश की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा है। दुनिया में अभी भी 2.6 बिलियन लोग इंटरनेट से दूर हैं। यह दिन सरकारों और कंपनियों को प्रोत्साहित करता है कि वे इन लोगों तक तकनीक पहुंचाएं। 5G, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और IoT जैसी तकनीकों ने जीवन को और बेहतर बनाया है। यह दिन इनका सही इस्तेमाल करने की बात करता है।