World Theatre Day 2023 : थिएटर आर्ट का उत्सव मनाने का दिन, जानिये विश्व रंगमंच दिवस की थीम और महत्व

World Theatre Day  2023 : कहते हैं कि विश्व एक रंगमंच है..हम सब यहां आते हैं, अपनी भूमिका निभाते हैं और चले जाते हैं। जीवन में कई रंग होते हैं..उनमें एक महत्वपूर्ण रंग है कला, साहित्य और संस्कृति का। रंगमंच..नाटक..थिएटर इसी का एक अहम हिस्सा है। आज 27 मार्च को हम विश्व रंगमंच दिवस मना रहे हैं। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी इस दिन की शुभकामनाएं दी हैं।

रंगमंच, ड्रामा या नाटक..कला क्षेत्र की बहुत पुरानी विधा है। जब सिनेमा नहीं हुआ करता था तब भी रंगमंच था और आज  भी है। मान्यता है कि महान कवि कालिदान की अमर रचना ‘मेघदूत’ का जन्म भारत की पहली नाट्यशाला में ही हुआ था। हमारे देश में रंगमंच का प्राचीन इतिहास है और ऋगवेद में भी इसका उल्लेख मिलता है। भारतीय नाट्यकला को शास्त्रीय रूप देने का श्रेय भरतमुनि को जाता है।  ये एक ऐसा माध्यम है जो मनोरंजन तो करता ही है, इसके जरिए हजारों लाखों लोगों तक अपनी बात भी पहुंचाई जा सकती है।

हर साल 27 मार्च को अंतरराष्ट्रीय रंगमंच समुदाय और आईटीआई सेंटर विश्व रंगमंच दिवस मनाते हैं। इस साल की थीम ‘थिएटर और शांति की संस्कृति’ जिसे अंतरराष्ट्रीय थिएटर संस्थान ने तय किया है। आज दुनियाभर के रंगमंच कलाकार और प्रेमी ये उत्सव मना रहे हैं। इस दिन थिएटर आर्ट के महत्व को बताने, इस माध्यम के महत्व को प्रतिपादित करने और लोगों को ये बताने की कोशिश होती है कि ये कितनी महत्वपूर्ण विधा है और इसका दुनियाभर के कलाजगत पर कितना व्यापक प्रभाव है। रंगमंच के जरिए मनोरंजन और शिक्षा दोनों का प्रसार होता है। ये दिन लोगों को इससे जुड़ने के आह्वान का दिन भी है। हमारी सांस्कृतिक विरासत मेें रंगमंच की अहम भूमिका है और आज का दिन इसी को समर्पित है।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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