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Wed, Dec 17, 2025

जगन मोहन रेड्डी ने राजकोषीय संकट का लगाया आरोप, आंध्र सरकार पर उठाए सवाल; कैग रिपोर्ट का दिया हवाला

Written by:Mini Pandey
Published:
वाईएसआरसीपी नेता ने आगे कहा कि 2023-24 और 2025-26 के पहले चार महीनों की राजस्व वृद्धि की चक्रवृद्धि वार्षिक दर केवल 2.39 प्रतिशत रही, जबकि सामान्य रूप से यह लगभग 10 प्रतिशत होनी चाहिए।
जगन मोहन रेड्डी ने राजकोषीय संकट का लगाया आरोप, आंध्र सरकार पर उठाए सवाल; कैग रिपोर्ट का दिया हवाला

वाईएसआरसीपी सुप्रीमो जगन मोहन रेड्डी ने शनिवार को दावा किया कि टीडीपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के तहत आंध्र प्रदेश की राजस्व वृद्धि 2024-25 में केवल 3.08 प्रतिशत रही, जो CAG के आंकड़ों के आधार पर वित्तीय तनाव की निरंतरता को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जहां 9.8 प्रतिशत की राष्ट्रीय जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया और 12.04 प्रतिशत की राजस्व वृद्धि दर्ज की, वहीं आंध्र प्रदेश का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। रेड्डी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि टीडीपी गठबंधन सरकार का वित्तीय प्रदर्शन उनकी विफलताओं को उजागर करता है।

जगन ने टीडीपी सरकार के तेज आर्थिक विकास के दावों पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर आंध्र प्रदेश की अर्थव्यवस्था वास्तव में 12.02 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है, जैसा कि सरकार दावा करती है तो राज्य का राजस्व वृद्धि दर केवल 3.08 प्रतिशत क्यों है? उन्होंने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 के पहले चार महीनों में भी सुधार के कोई संकेत नहीं दिखे और यह अवधि भी वित्तीय संकट को दर्शाती है। रेड्डी ने दावा किया कि जीएसटी और बिक्री कर, जो उपभोग को दर्शाते हैं, इस वर्ष के पहले चार महीनों में पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में कम रहे।

राजस्व वृद्धि की चक्रवृद्धि वार्षिक दर

वाईएसआरसीपी नेता ने आगे कहा कि 2023-24 और 2025-26 के पहले चार महीनों की राजस्व वृद्धि की चक्रवृद्धि वार्षिक दर केवल 2.39 प्रतिशत रही, जबकि सामान्य रूप से यह लगभग 10 प्रतिशत होनी चाहिए। उन्होंने राज्य के कर्ज पर भी चिंता जताई और कहा कि 2019 से 2024 तक उनके शासनकाल में सभी प्रकार की देनदारियोंसार्वजनिक ऋण, सार्वजनिक खाता और गैर-गारंटीकृत पीएसयू ऋणकी वृद्धि केवल 3.3 लाख करोड़ रुपये से अधिक थी। इसके विपरीत, टीडीपी गठबंधन सरकार के पहले 14 महीनों में 1,86,361 करोड़ रुपये की देनदारियां ली गईं जो उनके पिछले पांच साल के कर्ज का 56 प्रतिशत है।

लगातार झूठ बोलने का आरोप

रेड्डी ने टीडीपी और जनसेना पर उनके शासनकाल के दौरान लगातार झूठ बोलने का आरोप लगाया, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि देनदारियां अनियंत्रित रूप से बढ़ रही थीं और राजस्व वृद्धि धीमी थी। उन्होंने कहा कि टीडीपी और जनसेना ने मतदाताओं से वादा किया था कि उनकी सरकार में राजस्व तेजी से बढ़ेगा और कर्ज की वृद्धि धीमी होगी, लेकिन उनका प्रदर्शन इन वादों के विपरीत रहा। रेड्डी ने चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली सरकार से अपने शासन मॉडल पर पुनर्विचार करने की मांग की, जिसमें कथित तौर पर सभी स्तरों पर भ्रष्टाचार व्याप्त है।