नीमच: मध्य प्रदेश के नीमच जिले में नारकोटिक्स विंग ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए सिंथेटिक ड्रग बनाने वाली एक अवैध फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। यह फैक्ट्री रामपुरा थाना क्षेत्र के लसूडिया इस्तमरार गांव में एक खेत पर बने कमरे में गुप्त रूप से चलाई जा रही थी। इस संयुक्त अभियान में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और मौके से करोड़ों रुपये की ड्रग्स जब्त की गई है।
खेत के कमरे में बन रही थी एमडी
नारकोटिक्स विंग को मिली खुफिया जानकारी के आधार पर यह कार्रवाई की गई। टीम ने जब खेत के बीच बने एक कमरे पर छापा मारा, तो वहां का नजारा देखकर हैरान रह गई। कमरे के अंदर एमडी (मेफेड्रोन) ड्रग बनाने का पूरा सेटअप लगा हुआ था। अधिकारियों ने बताया कि मौके से 2.85 किलोग्राम तैयार एमडी ड्रग बरामद हुई।
इसके अलावा, लगभग 10 से 12 किलोग्राम ऐसा मिश्रण भी मिला, जिसकी कीमत लगभग 30 करोड़ बताई जा रही है, जिसे सुखाने की प्रक्रिया में रखा गया था ताकि उससे ड्रग तैयार की जा सके। पुलिस ने फैक्ट्री से कई तरह के केमिकल, ड्रग बनाने में इस्तेमाल होने वाले उपकरण और बर्तन भी जब्त किए हैं।
कई थानों की संयुक्त टीम ने की कार्रवाई
इस बड़े ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए एक बड़ी और समन्वित टीम बनाई गई थी। इसमें इंदौर और मंदसौर की नारकोटिक्स विंग के अलावा रामपुरा थाना और कुकड़ेश्वर थाने के पुलिसकर्मी भी शामिल थे। कुल 35 पुलिसकर्मियों की टीम ने इस सफल छापेमारी को अंजाम दिया।
पुलिस ने मौके से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान इस प्रकार है:
- निरंजन पिता भीमा बंजारा, निवासी खेड़ी दायमा
- अर्जुन पिता शंकरलाल बंजारा, निवासी लसूडिया इस्तमरार
- रमेश पिता शंकरलाल, निवासी लसूडिया इस्तमरार
नेटवर्क की जांच में जुटी पुलिस
तीनों आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। जांच का मुख्य फोकस यह पता लगाना है कि इस नेटवर्क में और कौन-कौन लोग शामिल हैं। पुलिस यह भी जानने की कोशिश कर रही है कि ड्रग बनाने के लिए केमिकल कहां से लाए जा रहे थे और तैयार ड्रग्स की सप्लाई कहां-कहां की जानी थी।
इस मामले को लेकर डीआईजी नारकोटिक विंग इंदौर महेश जैन ने जानकारी दी है, सुनिए “नशे से दूरी है जरूरी” को लेकर क्या कहा जैन ने
नीमच से कमलेश सारडा की रिपोर्ट





