लंबे इंतजार के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने आखिरकार अफीम वर्ष 2025-26 (1 अक्टूबर 2025 से 30 सितंबर 2026) के लिए नई अफीम पोस्त खेती नीति जारी कर दी है। यह नीति नियम 8 के तहत अधिसूचित की गई है। सरकार ने साफ कहा है कि खेती केवल उन्हीं जिलों और तहसीलों में होगी जिन्हें अधिसूचित क्षेत्र घोषित किया गया है।
इस बार सरकार ने पात्रता मानकों को पहले से ज्यादा सख्त कर दिया है, हालाँकि इसमें उत्पादक किसानों के लिए की शिथिलताएँ भी दी गई हैं। उधर भाजपा ने अफीम नीति का स्वागत किया है, भाजपा सांसद सुधीर गुप्ता ने मोदी सरकार की तारीफ करते हुए अफीम नीति किओ किसान हितैषी बताया है।
पात्रता के नियम
- केवल वही किसान पात्र होंगे जिन्होंने 2024-25 में अफीम पोस्त की खेती की हो और प्रति हेक्टेयर औसत मॉर्फिन उपज 4.2 किलो या उससे अधिक दी हो।
- 2022-23, 2023-24 और 2024-25 में सरकार की निगरानी में पूरी फसल जुताई करवाने वाले किसान भी पात्र होंगे।
- 2024-25 में जिनकी अपीलें मंजूर हुईं, उन्हें भी मौका मिलेगा।
- 2024-25 में पात्र होते हुए भी यदि खेती नहीं कर पाए या लाइसेंस नहीं मिला, तो वे भी आवेदन कर सकेंगे।
- जिन किसानों का निधन हो गया, उनके विधिक उत्तराधिकारी भी फॉर्म-1 में दर्ज नाम या जिला अफीम अधिकारी की अनुमति से पात्र होंगे।
- जिन किसानों ने पिछली बार 900 किलो/हेक्टेयर या उससे अधिक पोस्त भूसा उत्पादन दिया है, वे भी पात्र माने जाएंगे।
लाइसेंस की शर्तें
- सरकार ने पात्रता के साथ-साथ कुछ अनिवार्य शर्तें भी तय की हैं—
- 2024-25 में खेती का क्षेत्र लाइसेंसशुदा सीमा से 5% से अधिक नहीं होना चाहिए।
- किसान किसी भी समय अवैध अफीम खेती या मादक पदार्थों से जुड़े अपराध में शामिल न रहा हो।
- किसान के खिलाफ कभी भी न्यायालय में मामला लंबित न रहा हो।
- उसने पिछले वर्ष एनसीबी या स्वापक आयुक्त के आदेश का उल्लंघन न किया हो।
खेती का अधिकतम क्षेत्र
- पात्र किसानों को अधिकतम 0.10 हेक्टेयर (10 आरी) क्षेत्र में ही अफीम पोस्त की खेती का लाइसेंस मिलेगा।
- भूमि एक ही भूखंड में होनी चाहिए, लेकिन यह कई खसरा नंबरों में फैली हो सकती है।
- किसान चाहें तो दूसरों की भूमि किराए/पट्टे पर लेकर भी खेती कर सकते हैं, परंतु कुल क्षेत्र 10 आरी से अधिक नहीं होगा।
किसानों की दो श्रेणियां
नई नीति में किसानों को दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है, एक चिराई (लांसिंग) करने वाले किसान और दूसरे बिना चिराई (सिर्फ पोस्त भूसा उत्पादन करने) वाले किसान, नई अफीम नीति में चिराई (लांसिंग) करने वाले किसान को अधिकतम 10 आरी क्षेत्र का लाइसेंस मिलेगा। वहीं जिनकी मॉर्फिन उपज 4.2 किलो/हेक्टेयर से अधिक या डोडा उत्पादन 90 किलो से अधिक रहा है, उन्हें सीधे इस श्रेणी में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा बिना चिराई वाले किसान को केवल 5 आरी क्षेत्र का लाइसेंस मिलेगा।
सरकार का उद्देश्य
- अफीम उत्पादन पर कड़ा नियंत्रण बनाए रखना।
- खेती की प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करना।
- अवैध खेती पर अंकुश लगाना।
- इसके लिए सभी किसानों को समय पर पंजीयन कराना अनिवार्य होगा और पूरी प्रक्रिया सरकार की निगरानी में होगी।
कुल मिलाकर, नई अफीम नीति 2025-26 किसानों के लिए सख्त पात्रता और कठोर अनुशासन की शर्तों के साथ आई है। माना जा रहा है कि इससे अफीम उत्पादन सुव्यवस्थित होगा और अवैध खेती पर रोक लगेगी।
नीमच से कमलेश सारड़ा की रिपोर्ट





