नीमच में बेमौसम बारिश का कहर, अफीम की फसल पर गलने का खतरा, गेहूं-मसूर के बीज सड़ने की आशंका

मध्य प्रदेश के नीमच जिले में हो रही बेमौसम बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। अफीम की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, जहां खेतों में पानी भरने से पौधे गलने लगे हैं। अगर बारिश जारी रही तो गेहूं, मसूर और लहसुन की फसलें भी प्रभावित हो सकती हैं।

नीमच: जिले में पिछले कुछ दिनों से जारी बेमौसम बारिश किसानों के लिए बड़ी मुसीबत बनकर आई है। इस बारिश ने सबसे ज्यादा अफीम उत्पादक किसानों को संकट में डाल दिया है। खेतों में जलभराव के कारण अफीम के छोटे पौधे गलने लगे हैं, जिससे किसानों की महीनों की मेहनत और लागत पर पानी फिरने का खतरा पैदा हो गया है।

प्रभावित किसान अपने स्तर पर खेतों से पानी निकालने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं, ताकि फसल को बचाया जा सके। किसानों का कहना है कि अगर पानी नहीं निकाला गया तो पूरी फसल चौपट हो जाएगी। इस अप्रत्याशित बारिश ने किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं।

अन्य फसलों पर भी मंडराया संकट

हालांकि अभी तक गेहूं और मसूर की फसलों को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन मौसम का मिजाज ऐसा ही बना रहा तो हालात बिगड़ सकते हैं। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, लगातार नमी और जलभराव से गेहूं, मसूर और लहसुन के बीज सड़ सकते हैं।

अगर ऐसा होता है तो किसानों को दोबारा बुवाई करनी पड़ेगी, जिससे उनकी लागत दोगुनी हो जाएगी। यह स्थिति किसानों के लिए एक बड़े आर्थिक संकट का कारण बन सकती है। जिले के किसान गोपाल दायमा और नारायण बंजारा जैसे कई कृषक इस स्थिति को लेकर बेहद परेशान हैं।

विशेषज्ञों ने दी जल निकासी की सलाह

बिगड़ते हालात को देखते हुए कृषि विभाग ने किसानों को सलाह जारी की है। विशेषज्ञों का कहना है कि किसान अपने खेतों में जल निकासी की तत्काल और उचित व्यवस्था करें। नालियां बनाकर या अन्य तरीकों से अतिरिक्त पानी को खेत से बाहर निकालना बेहद जरूरी है, ताकि फसलों को सड़ने से बचाया जा सके। किसान अब केवल बारिश रुकने और मौसम साफ होने की प्रार्थना कर रहे हैं।

किसानों ने क्या कहा

कमलेश सारडा की रिपोर्ट


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