कलयुग का प्रेम: पहले फसाया प्यार में, फिर अपहरण कर मांगी 7 लाख की फिरौती

धार,डेस्क रिपोर्ट। ये इश्क नहीं आसां बस इतना समझ लिजिए इक आग का दरिया है और डूब के जाना है….पर क्या हो जब वहीं प्यार जिसके लिए आप आग का दरिया पार करने के लिए तैयार है , वो आपको बंधी बनाकर अपसे 7 लाख रुपए की फिरौती वसूलने की चाहत रखने लगे। जी हां एक ऐसा ही मामला धार से सामने आया है, जहां एक लड़की ने एक युवक को अपने प्यार के जाल में फंसा कर उसे बंधक बना कर 7 लाख रुपए की फिरौती वसूल करने की साजिश की। बंधक बने युवक ने अपनी जान बचाने के लिए अपने परिजनों से 7 लाख रुपए की मांग की लेकिन इसी बीच पुलिस ने मौके पर दबिश देकर युवक को बचा लिया और युवती का प्लान फेल कर दिया।

दरअसल इंदौर की रहने वाली युवती मोनिका ने रतलाम के बिल पार्क निवासी बंसीलाल पाटीदार को पहले अपने प्यार के जाल में फंसाया। जैसे ही युवती को पूरी तरह से विश्वास हो गया कि युवक उसके प्यार के जाल में फस गया है और वो उस पर आंख मूंदकर भरोसा करने लगा है, तो युवती ने उसी का फायदा उठाकर युवक को अपने साथियों के साथ मिल कर बंधक बना लिया और उसके साथ मारपीट की।


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।