बाबा महाकाल ने जाना अपनी प्रजा का हाल, चंद्रमौलेश्वर रूप में दिए भक्तों को दर्शन

उज्जैन, डेस्क रिपोर्ट।12 ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में आज बाबा महाकाल की शाही सवारी निकाली गई। बाबा महाकाल कार्तिक मास में प्रजा का हाल जानने के लिए गर्भ गृह से निकले। महाकाल की सवारी गाजे-बाजे और धूमधाम के साथ निकाली गई। राजाधिराज के दर्शन पाकर महाकाल के भक्त खुशी से झूम उठे। बता दें कि बाबा महाकाल ने चंद्रमौलेश्वर रूप में अपने भक्तों को दर्शन दिए।

बाबा महाकालेश्वर श्रावण भादो और कार्तिक‌ अगहन महीने में उज्जैन की प्रजा का हाल जानने के लिए गर्भ गृह से निकलते हैं। ‌सावन महीने में तो महाकाल की सवारी निकाली ही जाती है इसके साथ ही दशहरा और बैकुंठ चतुर्दशी पर भी बाबा महाकाल की शाही सवारी निकाली जाती है। बता दें कि बाबा महाकाल की अगली सवारी 23 नवंबर को निकाली जाएगी। साथ ही इसके बाद 28 नवंबर को दोपहर 11:00 बजे बैकुंठ चतुर्दशी की सवारी निकाली जाएगी।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।