भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। भोपाल नगर निगम (Bhopal City Corporation) ने खुले में टॉयलेट (toilet) पर रोक लगाने के लिए जुर्माने (fine) की राशि 100 से बढ़ाकर ₹1000 तो कर दी है, लेकिन अपनी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करना भूल गया है। शहर के सबसे ज्यादा भीड़ वाले इलाके जैसे बाजार, चौराहा और घनी बस्ती में पर्याप्त यूरिनल और टॉयलेट्स की व्यवस्था ही नहीं है। इतना ही नहीं 1 साल पहले भोपाल निगम के द्वारा लगाए गए पीले रंग के स्टील के यूरिनल की स्थिति इतनी खराब है कि यूरिनल के अंदर गंदगी का अंबार लगा हुआ है। यूरिनल की हालत देखकर लगता है कि निगम कर्मचारियों ने इन्हें लगाने के बाद इनकी तरफ मुड़ कर ही नहीं देखा है । हैरानी की बात यह है कि पिछले कई सालों में निगम की टीमों ने जिन जगहों पर खुले में शौच जा रहे लोगों पर स्पोर्ट फाइन (Spotfine) लगाया है, उन जगहों में से ऐसी बहुत सी जगह है जहां 2 किलोमीटर तक के दायरे में कोई पब्लिक टॉयलेट (public toilet) है ही नहीं और ना ही कोई यूरिनल (urinal)।
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