असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई का 86 साल में निधन, लंबे समय से चल रहे थे बीमार

Gaurav Sharma
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असम,डेस्क रिपोर्ट।  कांग्रेस के दिग्गज नेता और असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई (Former CM Of Assam Tarun Gogoi) की तबीयत खराब हो (Health deterioration) जाने के चलते सोमवार को उनका निधन (demise) हो गया। तरुण गोगोई (Tarun Gogoi) का इलाज करने वाले डॉक्टरों ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री की हालत बेहद नाजुक चल रही थी।

पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई को अगस्त में कोरोना (Corona) ने जकड़ लिया था, लेकिन उन्होंने उसे मात दे दी थी, पर वह पोस्ट कोरोना कॉम्प्लिकेशन (post coorna complication) से जूझ रहे थे। पूर्व मुख्यमंत्री ने आज शाम 5:34 पर गुवाहाटी के मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (Gwahatis medical college hospital) में अपनी आखिरी सांस ली। बता दें कि तरुण गोगोई असम के तीन बार मुख्यमंत्री (CM for 3 Years) रहे हैं।

तरुण गोगोई की मौत की खबर लगते ही सभी राजनीतिक पार्टियों में शोक की लहर दौड़ पड़ी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर तरुण गोगोई की मौत पर दुख जताया है ‌। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर लिखा कि तरुण गोगोई जी एक बेहद लोकप्रिय नेता और वयोवृद्ध प्रशासक थे, जिन्हें असम के साथ-साथ केंद्र में भी राजनीति का कई सालों का अनुभव था। उनके निधन से बहुत दुख पहुंचा है। दुख की इस घड़ी में मेरी भावनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ है। ओम शांति। प्रधानमंत्री के साथ ही देश के दिग्गज नेताओं ने तरुण गोगोई की मौत पर दुख जताते हुए ट्वीट किया है।

 

बता दें कि 86 साल की उम्र पार कर चुके दिग्गज नेता की देखभाल में 9 डॉक्टरों की टीम लगी हुई थी। उनकी हालत काफी नाजुक चल रही थी और वह वेंटिलेटर पर थे। वही तरुण गोगोई के अंगों ने भी काम करना बंद कर दिया था, उनका दिमाग कुछ अलर्ट दे रहा था जिसके चलते उनकी आंखें चल रही थी साथी पेसमेकर के कारण उनका दिल भी काम कर रहा था । वही तरुण गोगोई का रविवार को करीब 6 घंटे तक डायलिसिस हुआ था पर दोबारा वह विषाक्त चीजों से भर गया था। विषाक्त चीजों को बाहर निकालने के लिए दूसरा डायलिसिस करना जरूरी था परंतु उनकी ऐसी हालत नहीं थी कि वह दोबारा डायलिसिस झेल पाए।

असम के पूर्व मुख्यमंत्री को 2 नवंबर जीएमसीएच में भर्ती कराया गया था,  जिसके बाद शनिवार को उनकी हालत बिगड़ गई थी, जिसके चलते उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था।  वही असम के सीएम  सर्बानंद सोनोवाल  ने ट्विटर के जरिए जानकारी दी कि उन्होंने अपने सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं और वह गोगोई और उनके परिवार के पास रहने के लिए गुवाहाटी लौट रहे हैं। सोनोवाल में जानकारी देते हुए लिखा कि सीएम की हालत काफी नाजुक है। साथ ही वे लिखते हैं कि तरुण गोगोई मेरे लिए हमेशा पिता के समान रहे हैं। मैं लाखों लोगों के साथ उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।

 


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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