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सीएम के गृह जिले में किसान ने की आत्महत्या, विपक्ष ने उठाएं सरकार पर सवाल, की मुआवजे की मांग

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में हो रही लगातार बारिश ने कई जिलों में बाढ़ के हालात पैदा कर दिए है। लगातार हो रही बारिश ने अन्नदाताओं के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है। भारी बारिश की वजह से किसान की फसले खराब हो गई है। फसले खराब होने से परेशान होकर आज प्रदेश के दो जिलों में किसाने काल के गाल में समा गए है। मुख्यमंत्री शिवराज के गृह जिला कहे जने वाले सीहोर के गुड़भेला गांव में आज बाबूलाल वर्मा नाम के एक किसान ने आत्महत्या कर ली। मृतक किसान बारिश के कारण खराब हुई फसलों के कारण काफी परेशान था। सीहोर में हुई इस घटना के बाद विपक्ष ने शिवराज सरकार को घेराना शुरु कर दिया है।

पूर्व जनसंपर्क मंत्री और कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने अपने मामले को संज्ञान में लेते हुए और सीएम शिवराज को आड़े हाथों लेते हुए अपने ट्वीटर हैंडल से ट्वीट किया कि मुख्यमंत्री के गृह जिले सीहोर के गांव गुड़भेला के किसान श्री बाबूलाल वर्मा द्वारा फसल खराब होने से परेशान होकर आत्महत्या करने की घटना अत्यंत दुःखद एवं हृदयविदारक है। मेरी राज्य सरकार से मांग है कि वह मृतक किसान के परिवार को 1 करोड़ रुपए राशि का मुआवजा दे।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।