एमपी के हरि सिंह विश्वकर्मा है रेडियो के शौकिन, 1983 से लेकर अबतक का है कलेक्शन

गुना, विजय कुमार। यूं तो आपने सुना होगा कि संगीत एक ऐसी चीज है जो हमारे जीवन में बड़ा महत्वपूर्ण रोल अदा करती है, लेकिन कई लोग इसको अपने जीवन का आधार मान कर चलते हैं। ऐसे ही एक व्यक्ति से आज हम आपको मिलाने जा रहे हैं जिन्होंने 1983 से लेकर आज तक संगीत और रेडियो से इतना प्रेम किया कि इस क्षेत्र में वो सब से ज्यादा रेडियो संग्रहित करने वाला व्यक्ति कहे जाते हैं।

गुना जिले के बीनागंज के रहने वाले हरि सिंह विश्वकर्मा जोकि ऑटो पार्ट्स की दुकान चलाते हैं लेकिन बचपन से ही संगीत के इतने शौकीन है कि बरसों पुराने रेडियो को उन्होंने आज भी सहेज कर रखा हुआ हैं और आज भी पुराना रेडियो उनकी जान बना हुआ हैं।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।