MP Breaking News
Sun, Dec 14, 2025

‘टैंक्स इन द एयर’ की दस्तक: भारत को मिलेंगे सबसे खतरनाक अपाचे हेलिकॉप्टर, पाक सीमा पर बढ़ेगी मारक क्षमता

Written by:Vijay Choudhary
अपाचे की यह नई खेप भारत की आक्रामक रणनीति को नई ऊंचाई देने वाली है।
‘टैंक्स इन द एयर’ की दस्तक: भारत को मिलेंगे सबसे खतरनाक अपाचे हेलिकॉप्टर, पाक सीमा पर बढ़ेगी मारक क्षमता

अपाचे हेलिकॉप्टर

भारत की सैन्य ताकत को और धार देने वाला एक बड़ा कदम 21 जुलाई को पूरा होने जा रहा है। इस दिन भारत को अमेरिका से अत्याधुनिक अपाचे यानी की Apache AH-64E अटैक हेलिकॉप्टरों की पहली खेप मिलने जा रही है, जिन्हें सीधे पाकिस्तान सीमा पर तैनात किया जाएगा। ये वही हेलिकॉप्टर हैं, जिन्हें दुनिया भर में ‘टैंक्स इन द एयर’ कहा जाता है ,यानी हवा में उड़ने वाला टैंक। अपाचे की यह नई खेप भारत की आक्रामक रणनीति को नई ऊंचाई देने वाली है।

हिंडन एयरबेस पर होगी पहली लैंडिंग

अमेरिका से उड़ान भरकर यह पहली खेप गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस पर लैंड करेगी। हिंडन एयरबेस इसलिए चुना गया है क्योंकि यहां से उत्तर-पश्चिमी सीमा की त्वरित निगरानी और जवाबी कार्रवाई संभव है। इससे पहले 2023 में जोधपुर में सेना की पहली अपाचे स्क्वाड्रन बनाई गई थी, लेकिन वैश्विक आपूर्ति और भूराजनीतिक कारणों से डिलीवरी में देरी हुई।

इन दोनों सीमाओं पर मिल रही मजबूती

वर्तमान में भारतीय वायुसेना की दो स्क्वाड्रन अपाचे पहले से ऑपरेशनल हैं। पहला पठानकोट में भारत पाक सीमा पर तो दूसरा जोरहाट में अरुणाचल/चीन सीमा पर तैनात है। तीसरी स्क्वाड्रन के लिए जो अपाचे आ रहे हैं, उन्हें भी पाकिस्तान की सीमा पर तैनात किया जाएगा, जिससे दुश्मन की हर हरकत पर कड़ी नजर रखी जा सके और आवश्यक होने पर अचूक जवाब दिया जा सके।

2015 से अब तक का सफर

2015 में भारत ने अमेरिका और बोइंग से 22 अपाचे हेलिकॉप्टर खरीदने का करार किया था। 2020 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान $600 मिलियन की दूसरी डील साइन हुई। जिसके तहत 6 नए अपाचे सेना के लिए खरीदे गए। 2023 में भारत में टाटा-बोइंग जॉइंट वेंचर के तहत पहला ‘मेड इन इंडिया’ अपाचे सेना को सौंपा गया।

अपाचे AH-64E, क्यों है सबसे घातक?

अपाचे की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह सिर्फ हमला नहीं करता, बल्कि दुश्मन की पोजिशनिंग को ट्रैक और ट्रांसमिट भी करता है। इसका मतलब एक मोबाइल कमांड सेंटर की तरह काम करता है। अपाचे में टेक्नोलॉजी का चमत्कार देखने को मिलेगा। सेंसर फ्यूजन टेक्नोलॉजी में हेलिकॉप्टर अपने चारों तरफ के माहौल का 360-डिग्री दृश्य पायलट को देता है। डाटा लिंक सिस्टम के तहत जमीनी यूनिटों और फाइटर जेट्स से लाइव डेटा शेयर करता है।

अधिक ऊंचाई और गर्म क्षेत्रों में भी ऑपरेशन में सक्षम

अपाचे की तैनाती पाकिस्तान के लिए सैन्य संतुलन को गड़बड़ाने वाली साबित हो सकती है। इन हेलिकॉप्टरों की वजह से भारत की सर्जिकल स्ट्राइक और एंटी-टेरेरिस्ट ऑपरेशन की क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी। खासकर LoC के पास या पीओके में आतंकवादी लॉन्च पैड्स पर तेज और निर्णायक हमलों के लिए यह गेमचेंजर है। टाटा-बोइंग जॉइंट वेंचर के तहत हैदराबाद में बना पहला अपाचे सेना को मिल चुका है। आने वाले वर्षों में भारत में ही एयरफ्रेम, ब्लेड, रडार सिस्टम और सेंसर मॉड्यूल्स बनेंगे। देशी इंजीनियरिंग, विदेशी तकनीक का संपूर्ण मेल होगा। यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा क़दम है।

अपाचे के आने से बदलेगा मुकाबले का गणित

भारत की सुरक्षा रणनीति अब सिर्फ रक्षात्मक नहीं, बल्कि प्रोएक्टिव और ऑफेंसिव हो रही है। अपाचे हेलिकॉप्टरों की यह नई खेप यह दिखाती है कि भारत सिर्फ अपने सीमाओं की रक्षा नहीं, बल्कि दुश्मन की हरकतों का जवाब उसी की भाषा में देने के लिए पूरी तरह तैयार है। 21 जुलाई को हिंडन एयरबेस पर जब ‘टैंक्स इन द एयर’ उतरेंगे, तो यह सिर्फ हेलिकॉप्टरों की डिलीवरी नहीं, बल्कि भारत की रक्षा नीति के नए युग की शुरुआत होगी।