लखनऊ,डेस्क रिपोर्ट। पति की सलामती के लिए रखे जाने वाला करवा चौथ (karwa chauth) व्रत का खुमार सिर्फ हिंदू महिलाओं (Hindu ladies) में ही नहीं बल्कि मुस्लिम महिला (Muslim lady) में भी देखने को मिला। इस साल गंगा-जमुनी तहजीब के तहत एक मुस्लिम महिला ने भी अपने पति की लंबी उम्र के लिए दिन भर भूखा प्यासा रहकर उपवास रखा, साथ ही रात को चांद (moon) के दीदार के बाद अपना व्रत खोला। ये महिला लखनऊ (lucknow) के सरहानपुर की रहने वाली गुलनाज अंजुम है, जिन्होंने अपने पति की अनुमति के बाद ही इस व्रत को रखने का फैसला किया, पर गुलनाज को क्या पता था कि उसका ये व्रत इस्लाम के खिलाफ ही बता दिया जाएगा।
गुलनाज अंजुम (gulnaz anjum) और उनके पति का मानना था कि इस व्रत को करने से हिंदू (Hindu) और मुस्लिम (Muslim) लोगों के बीच में प्रेम(love) और भाईचारा (unity) बढ़ेगा। साथ ही भाईचारे को बढ़ाने के लिए दोनों को एक दूसरे के त्योहार (festival) मनाते रहना चाहिए,इससे आपसी सौहार्द (Mutual harmony) बढ़ती है। पर ये दंपत्ति जो आपसी सौहार्द (Mutual harmony) को बढ़ाने के बारे में सोच रहा था उसे क्या पता था कि उन्हीं के धर्म के लोग उनके इस काम से नाराज हो जाएंगे और तौबा करने की नसीहत दे देंगे।