Ranjeet Singh Disale बने ग्लोबल टीचर अवार्ड जीतने वाले पहले भारतीय , सीएम शिवराज ने दी बधाई

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। महाराष्ट्र के सोलापुर (solapur of maharashtra) के रहने वाले रणजीत सिंह डिसले (ranjeet singh disale) पहले भारतीय हैं जिन्होंने ग्लोबल टीचर अवार्ड (Global Teacher Award) अपने नाम किया है। रणजीत सिंह डिसले (ranjeet singh disale) को इस साल ग्लोबल टीचर अवार्ड से सम्मानित किया गया है । डिसले को लड़कियों की पढ़ाई को बढ़ावा देने के लिए और किताबों में QR कोड के संबंध में कार्य करने को लेकर इस अवार्ड से सम्मानित किया गया है। रणजीत सिंह डिसले को ग्लोबल टीचर अवार्ड मिलने की घोषणा होते ही देशभर में खुशी की लहर दौड़ पड़ी, क्योंकि वह पहले भारतीय हैं जिन्हें इस सम्मान से सम्मानित किया गया है।

राजनीतिक और अन्य क्षेत्र से लोग उन्हें बधाई देने में जुट गए हैं। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने भी रणजीत सिंह डिसले (ranjeet singh disale) को बधाई देते हुए ट्वीट किया है। सीएम शिवराज ने अपनी ट्वीट में लिखा है कि QR कोडेड पाठ्य पुस्तकों व आधुनिक टेक्नोलॉजी की मदद से बेटियों में शिक्षा को बढ़ावा देने वाले श्री #रणजितसिंह_डिसले जी को #GlobalTeacherPrize सम्मान के लिए आत्मीय बधाई! आप जैसे शिक्षकों पर देश और दुनिया को गर्व है। ऐसे ही समाज के नवनिर्माण में योगदान देते रहिये, शुभकामनाएं!


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।