सरकार को नहीं जानकारी Arogya Setu APP किसने बनाया, मुख्य सूचना आयोग ने भेजा नोटिस

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र जो कि सरकारी वेबसाइटों को डिजाइन करता है उसने बताया है कि आरोग्य सेतु ऐप(Arogya Setu APP) किसके द्वारा बनाया गया है और इसे कैसे बनाया गया है इसके बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है। जिसको लेकर अब इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय के तहत आने वाले एनआईसी को मुख्य सूचना आयोग ने फटकार लगाई है, और सभी मुख्य सार्वजनिक सूचना अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस जारी करते हुए उन्हें आरटीआई आवेदन का जवाब देने को कहा गया है, जिसमें कोविड -19 संपर्क ट्रेसिंग के बारे में भी सवाल किया गया था।

शिकायत दर्ज करने वाले सौरव दास ने दावा किया था कि एनआईसी, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन (नेगीडी)  ने ऐप के निर्माण के बारे में जानना चाहा है, जिसे लाखों भारतीयों द्वारा लॉकडाउन के दौरान डाउनलोड किया गया था। । गृह मंत्रालय ने रेस्तरां, सिनेमा हॉल, मेट्रो स्टेशनों में प्रवेश करने से पहले मोबाइल एप्लिकेशन डाउनलोड करना आवश्यक किया था, पर सौरव दास के मुताबिक (Arogya Setu APP) ऐप की रचनाओं के संबंध में न तो एनआईसी(NIC) को जानकारी है और न ही मंत्रालय(ministry) के पास कोई डेटा था।


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।