BJP सांसद पर ग्रामीणों ने निकाला भड़ास, लगाए ये आरोप

छतरपुर, संजय अवस्थी। जिले में बीजेपी (BJP) के टीकमगढ़ सांसद वीरेंद्र खटीक को उस समय विरोध का सामना करना पड़ा, जब वह बिजावर ब्लॉक के ढोढ़न गांव में अटल चौपाल का उद्घाटन करने पहुंचे थे। जैसे ही कार्यक्रम शुरू हुआ, वैसे ही सांसद की लुपड़ी-चुपड़ी बाते सुनकर ग्रामीण हो नाराज गए। जिसके ग्रामीणों ने आजादी के बाद कोई भी काम नहीं कराने का आरोप लगाते हुए सांसद पर जमकर हमला बोलते हुए अपनी भड़ास निकाली।

मामला बिगड़ता देख सांसद ने मौके से भागना ही मुनासिब समझा और वह गांव से कार्यक्रम छोड़ निकल गए, जब उनसे ग्रामीणों से नाराज होने की वजह पूछी गई, तो वह पहले इस मामले में पल्ला झाड़कर नो कमेंट करने लगे, लेकिन बाद में वह अपनी सफाई देने लगे, कि गांव वाले उनसे नहीं, बल्कि 70 साल से सांसद विधायक द्वारा गांव में कोई काम ना कराने पर नाराज थे। जबकि इन्ही सालों में वह स्वयं तीसरी बार इस सीट से सांसद है.


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।