रायसेन/सीहोर| मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद भी डंपरों पर लगाम नही लग पा रही है। रात मे डंपर मौत बनकर घूम रहे है और लोगों को अपनी चपेट में ले रहे है। ताजा मामला सीहोर जिले से सामने आया है जहां एक तेज रफ्तार डंपर ने एक युवक की जान ले ली। घटना के गुस्साए लोगों ने एक के बाद एक 10 खाली रेत डंपरों में आग लगा दी। बताया जा रहा है कि एक दिन पहले ही गांव के लोगों ने प्रशासन को अवैध परिवहन रोकने की चेतावनी दी थी, बावजूद इसके रोक नही लग पाई और हादसा हो गया। वही पुलिस ने आग लगाने वालों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।
मिली जानकारी के अनुसार, रवि शंकर पिता सोहन गौड़ अपने पिता को दिगवाडा़ से बकतरा छोड़कर वापस आ रहा था, तभी डंपर ने रवि की बाईक को टक्कर मार दी। सूचना मिलने पर डायल 100 ने उसे अस्पताल पहुंचाया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद गुस्साई भीड़ ने दिगबाड़ के पास खड़े रेत के खाली डंपरोें मेंं आग लगाना शुरू कर दिया। कुछ ही देर में 10 डंपर जलकर राख हो गए। इसमें से 8 रायसेन जिले के और 2 सीहोर जिले के थे। आग की खबर लगते ही शाहगंज, बुदनी की पुलिस मौके पर पहुंची और भीड़ को वहां से हटाया। फिलहाल पुलिस ने अज्ञात डंपर चालक के खिलाफ धारा 304 ए भारतीय दंड संहिता एवं 184 मोटर व्हीकल एक्ट के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया है। वही आग लगाने वालों पर भी मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी गई है।
बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले रायसेन के चंदबार गांव के तीन लोगों को डंपर ने कुचल दिया था जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी। इसके बाद दिगबाड़ के लोगों ने साफ तौर पर ये लिखित आवेदन दिया था कि रेत के अवैध डंपरों पर रोक लगाई जाए। उस समय लोगों ने यह भी कहा था कि यदि 1 मार्च तक सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो इसका विरोध किया जाएगा लेकिन इससे पहले ही एक और घटना हो गई जिससे ग्रामीण भड़क गए और एक के बाद एक डंपरों में आग लगा दी।वही 19 फरवरी को पुलिस अधीक्षक मोनिका शुक्ला ने थाना बाड़ी में बैठक ली थी। जिसमें डम्परों की तेज रफ्तार पर अंकुश लगाने की के लिए स्पीड ब्रेकर सांकेतिक बोर्ड लगाने की पुरजोर मांग की थी। जिस पर पुलिस अधीक्षक द्वारा स्थानीय पुलिस को तत्काल चेकिंग अभियान चलाकर डंपर मालिकों को स्पीड गवर्नर लगाने एवं चालकों के लाइसेंस चेक करने की हिदायत दी थी।बावजूद इसके रोक नही लगी और हादसा हो गया।
गौरतलब है कि पुलिस विभाग व प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद सड़कों से ओवरलोड डंपरों का पहिया रुकने का नाम नहीं ले रहा है। ओवर लोड डंपरों के कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं। हादसों में कोई अपना बेटा, भाई और सुहाग खो रहा है तो कोई हमेशा के लिए शारीरिक अपंगता झेल रहा है।बावजूद इसके तेज रफ्तार गाड़ियां मौत बनकर दौड़ रही है। ओवरलोड डंपर पर क्षमता से अधिक रेत का परिवहन किया जा रहा है। देर रात डंपर निकाले जा रहे है और लोगों को इनका शिकार होना पड़ रहा है।