राजस्थान के बाड़मेर जिले में बन रही पचपदरा रिफाइनरी सिर्फ एक औद्योगिक परियोजना नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश की आर्थिक और सामाजिक तस्वीर बदलने वाला प्रोजेक्ट बन चुका है। राज्यसभा में बुधवार को राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष और सांसद मदन राठौड़ ने इस रिफाइनरी को लेकर सवाल उठाया। इसके जवाब में केंद्रीय पेट्रोलियम राज्य मंत्री सुरेश गोपी ने बताया कि 15 जुलाई 2025 तक रिफाइनरी का 90.3% काम पूरा हो चुका है और यह मार्च 2026 तक पूरी तरह से चालू हो जाएगी। यह रिफाइनरी न सिर्फ पेट्रोल-डीजल का उत्पादन करेगी, बल्कि राजस्थान की विकास यात्रा को नई रफ्तार देगी।
जरूरी यूनिट्स का काम पूरा, पर्यावरण मंजूरी भी मिली
केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने जानकारी दी कि रिफाइनरी की कई महत्वपूर्ण यूनिट्स जैसे क्रूड डिस्टिलेशन यूनिट (CDU), वैक्यूम डिस्टिलेशन यूनिट (VDU), फ्यूल हाइड्रो ट्रीटिंग यूनिट (FHTU) और डीजल हाइड्रो ट्रीटिंग यूनिट (DHTU) का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इसके अलावा, पर्यावरण और सामाजिक प्रभाव से जुड़ी सारी जरूरी प्रक्रियाएं भी पूरी कर ली गई हैं। यानी ये प्रोजेक्ट तकनीकी रूप से ही नहीं, बल्कि पर्यावरणीय और सामाजिक दृष्टिकोण से भी संतुलित रूप से आगे बढ़ रहा है।
हजारों लोगों को मिला रोजगार, गांवों में पहुंचा विकास
पचपदरा रिफाइनरी प्रोजेक्ट में अब तक ₹52,877 करोड़ से ज्यादा का निवेश हो चुका है। इसके चलते 35,000 से ज्यादा लोगों को सीधा रोजगार मिला है। सांसद मदन राठौड़ ने राज्यसभा में कहा कि यह रिफाइनरी राजस्थान के रेगिस्तान में विकास की बयार लेकर आई है। इस प्रोजेक्ट के चलते आसपास के गांवों में सड़कें, बिजली, पानी और ट्रेनिंग सेंटर जैसी सुविधाएं बढ़ रही हैं। लोग स्किल्ड हो रहे हैं और उनके लिए रोजगार के नए अवसर खुल रहे हैं।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम
मदन राठौड़ ने इसे ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ का सशक्त उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि जब यह रिफाइनरी पूरी तरह से चालू होगी, तब भारत की पेट्रोलियम जरूरतों के लिए विदेशों पर निर्भरता कम होगी। इससे एक्सपोर्ट बढ़ेगा और देश को विदेशी मुद्रा में बड़ी बचत होगी। उन्होंने कहा कि जब नीयत साफ हो, नीति दूरदर्शी हो और काम ईमानदारी से किया जाए, तो रेगिस्तान में भी विकास की नदियां बहने लगती हैं। यह रिफाइनरी सिर्फ तेल नहीं, बल्कि रोजगार, सम्मान और आत्मनिर्भरता दे रही है।





