सोमवार (28 जुलाई, 2025) को संसद में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा विपक्ष के हंगामे के चलते दो बार स्थगित हुई, लेकिन अंततः दोपहर 2 बजे बहस शुरू हुई जो देर रात तक चली. लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में इस मुद्दे पर 16-16 घंटे की बहस तय थी. लोकसभा में इस दौरान सरकार और विपक्ष के बीच तीखे वार-पलटवार हुए. इसी बहस में नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने अपने तीखे सवालों और तंज से माहौल को गंभीर के साथ हल्का-फुल्का भी बना दिया. उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के कई आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया, तो ऐसा लगा जैसे भारत ने पाकिस्तान की मांग में सिंदूर भर दिया हो.
‘हर भारतीय चाहता था खुली चर्चा’
बेनीवाल ने कहा कि इस ऑपरेशन को लेकर देश के हर नागरिक के मन में सवाल थे और वह खुली चर्चा चाहता था. उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की निर्मम हत्या की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि इस हमले के बाद हर भारतीय के मन में बदले की भावना थी, क्योंकि यह घटना पाकिस्तान द्वारा पनाह दिए गए आतंकवादियों ने अंजाम दी थी. उन्होंने सवाल किया कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी संसद में इस मुद्दे पर चर्चा शुरू करने में पांच दिन क्यों लग गए.
सुरक्षा में चूक पर गंभीर सवाल
बेनीवाल ने पहलगाम हमले के दौरान सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा, “हो सकता है हमारे सिस्टम में कोई चूक हुई होगी. अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पहलगाम नहीं है, फिर भी आतंकी वहां तक कैसे पहुंच गए? जहां हजारों पर्यटक आते हैं, वहां पर्याप्त सुरक्षा क्यों नहीं थी?” उन्होंने बताया कि हमले के वक्त सिर्फ 10-15 पुलिसकर्मी मौजूद थे और हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने मदद की. उन्होंने कहा कि यह घटना हर भारतीय को झकझोर गई थी और सभी प्रधानमंत्री से बदले की उम्मीद कर रहे थे.
‘भारत ने पाकिस्तान की मांग में भरा सिंदूर’
बेनीवाल ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर सरकार की कार्रवाई को लेकर तंज कसा. उन्होंने कहा, “22 अप्रैल को हमला हुआ और 8 मई की रात ऑपरेशन शुरू हुआ. दो दिन चला और सरकार ने कहा कि पाकिस्तान घुटनों पर आ गया. मीडिया ने भी बढ़ा-चढ़ाकर कहा कि कराची पहुंच गए, लाहौर पर कब्जा करने वाले हैं, इस्लामाबाद पर झंडा फहराने वाले हैं.” उन्होंने तीखे अंदाज में कहा, “ऐसा लगा मानो पाकिस्तान अब भारत की पत्नी हो गया हो, सिर्फ विदाई बाकी है.”





