जयपुर जिले के जोबनेर में रहने वाले अमीरुद्दीन रंगरेज के घर में बिजली विभाग ने हाल ही में स्मार्ट मीटर लगाया था। उनका घर कई महीनों से खाली पड़ा है और परिवार जयपुर शहर में रह रहा है। लेकिन जब जुलाई का बिजली बिल आया, तो पूरे परिवार के होश उड़ गए। बिल में 1,26,296 रुपये की मांग की गई और उसमें कुल 14,422 यूनिट की खपत दिखाई गई, जबकि घर बंद था।
पहले 150 रुपये आता था बिल, अब लाख रुपये
अमीरुद्दीन के अनुसार, पहले हर महीने सिर्फ 150 रुपये तक का बिल आता था। अब अचानक लाखों का बिल आना उनके लिए बेहद चिंता का विषय बन गया है। उन्होंने जोबनेर के बिजली विभाग कार्यालय में शिकायत दर्ज करवाई है।
बिजली विभाग के कनिष्ठ अभियंता हरलाल बूरी ने बताया कि जोबनेर में बड़े स्तर पर स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। इस मामले में तकनीकी गड़बड़ी की संभावना है। मीटर की जांच की जाएगी और उपभोक्ता को अनावश्यक परेशानी नहीं होने दी जाएगी।
सोशल मीडिया पर मचा बवाल
ऐसे मामले सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर स्मार्ट मीटर की विश्वसनीयता को लेकर बहस छिड़ गई है। उपभोक्ताओं की मांग है कि इन मीटरों की गुणवत्ता और सटीकता की जांच होनी चाहिए। इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता टीकाराम जूली ने भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्री और विधायक खुद अपने निजी घरों पर स्मार्ट मीटर नहीं लगवाते, सिर्फ सरकारी आवासों में दिखावे के लिए लगवाते हैं





