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Fri, Dec 19, 2025

वसुंधरा राजे के बाद भजनलाल शर्मा ने संघ प्रमुख भागवत से की मुलाकात, चढ़ा सियासी पारा

Written by:Deepak Kumar
Published:
वसुंधरा राजे के बाद भजनलाल शर्मा ने संघ प्रमुख भागवत से की मुलाकात, चढ़ा सियासी पारा

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा लगातार जोधपुर दौरे पर सक्रिय रहे। 5 सितंबर को उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ संचालक डॉ. मोहन भागवत से मुलाकात की। इस दौरान बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहे और दोनों नेताओं की करीब 20 मिनट तक बातचीत हुई। मुलाकात के बाद राजनीतिक चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है।

भजनलाल शर्मा का यह जोधपुर दौरा दो दिन में दूसरा है। इससे पहले गुरुवार को उन्होंने जयपुर एयरपोर्ट पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का स्वागत किया और वापस लौट गए थे। उनकी सक्रियता को देखते हुए राज्य की राजनीति में अटकलें तेज हो रही हैं, खासकर मंत्रिमंडल विस्तार और वसुंधरा राजे के प्रभाव को लेकर।

मोहन भागवत से मुलाकात

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी इस मुलाकात में मौजूद थे। करीब 20 मिनट तक चली बातचीत में राजनीतिक दिशा-निर्देश और संगठनात्मक मुद्दों पर चर्चा की गई। इस मुलाकात को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है और राजस्थान की राजनीति में संभावित फेरबदल की अटकलें तेज हो गई हैं।

अमित शाह के साथ विमान में चर्चा

भजनलाल शर्मा की सक्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हाल ही में गृहमंत्री अमित शाह का विमान जयपुर एयरपोर्ट पर डायवर्ट हुआ, तब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा उनसे मिलने एयरपोर्ट पहुंचे और लगभग 30 मिनट तक विमान के अंदर बातचीत हुई। यह भी राज्य की राजनीतिक गतिविधियों में उनकी बढ़ती भागीदारी को दर्शाता है।

वसुंधरा राजे और राजनीतिक समीकरण

दो दिन पहले वसुंधरा राजे भी जैसलमेर और जोधपुर दौरे पर थीं और उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की थी। इसके बाद भजनलाल शर्मा की मुलाकात ने राज्य में सियासी पारा बढ़ा दिया है। अब मंत्रिमंडल विस्तार और सत्ता समीकरण में वसुंधरा गुट को साधने की संभावना पर अटकलें तेज हो गई हैं। वसुंधरा राजे को संघ के नजदीक माना जा रहा है, इसलिए दोनों नेताओं के बीच सामंजस्य बनाए रखना आगामी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा हो सकता है।

राजनीतिक चर्चाओं का असर

भजनलाल शर्मा की लगातार सक्रियता और संघ के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकातें राजस्थान की राजनीतिक स्थिति को गहन रूप से प्रभावित कर रही हैं। इससे मंत्रिमंडल विस्तार, पार्टी की आंतरिक राजनीति और आगामी चुनावी रणनीतियों पर भी असर पड़ेगा। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले दिनों में इन मुलाकातों के परिणाम स्पष्ट होंगे और राज्य में सत्ता समीकरण में बदलाव देखने को मिल सकता है।