कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम एक बार फिर विवादों में हैं। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के तीन महीने बाद उन्होंने सरकार से सवाल किया है कि उसने क्यों यह मान लिया कि हमलावर पाकिस्तान से आए थे। चिदंबरम ने कहा कि इसका कोई ठोस सबूत नहीं है और सरकार इस मुद्दे पर स्पष्ट जानकारी नहीं दे रही। उन्होंने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से भी सवाल किया कि अब तक हमलावरों की पहचान और उनकी उत्पत्ति को लेकर क्या जांच हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार देश को हुई हानि को छिपा रही है।
ऑपरेशन सिंदूर पर उठाए सवाल
‘द क्विंट’ को दिए इंटरव्यू में चिदंबरम ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भी कई सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, “इस ऑपरेशन को कई सप्ताह हो चुके हैं, लेकिन सरकार ने देश को विश्वास में नहीं लिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऑपरेशन रोका गया है, खत्म नहीं हुआ। लेकिन उसके बाद क्या कदम उठाए गए? क्या मोदी सरकार ने दूसरा हमला रोकने के लिए कोई ठोस रणनीति बनाई है? हमलावरों की पहचान क्यों नहीं हुई और उनके सहयोगियों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई?”
बीजेपी का पलटवार
चिदंबरम के बयान के बाद बीजेपी ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने एक वीडियो क्लिप साझा करते हुए कहा कि कांग्रेस एक बार फिर पाकिस्तान को क्लीनचिट देने की कोशिश कर रही है। मालवीय ने सवाल किया, “क्यों कांग्रेस नेता पाकिस्तान समर्थक वकील की तरह बयान देते हैं, जबकि हमारी सेनाएं पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवाद से लड़ रही हैं?” बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस का यह रुख सुरक्षा बलों का मनोबल गिराने वाला है।
संसद में गरमा सकता है मुद्दा
संसद का मानसून सत्र जारी है और सोमवार, 28 जुलाई को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा प्रस्तावित है। इससे पहले कांग्रेस नेता का यह बयान विपक्ष की रणनीति पर भी असर डाल सकता है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह बयान बीजेपी को कांग्रेस पर हमला करने का मौका दे सकता है। चिदंबरम के इस इंटरव्यू ने सियासी हलचल तेज कर दी है।





