राजस्थान में धार्मिक त्योहारों को लेकर सरकार द्वारा संवेदनशील फैसलों की श्रृंखला जारी है। इसी क्रम में मुस्लिम समाज ने राज्य सरकार से अहम मांग की है। समाज का कहना है कि ईद-ए-मिलादुन्नबी पैगंबर साहब का जन्मदिन है और मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। इस दिन शराब की बिक्री धार्मिक आस्थाओं को ठेस पहुंचाती है और माहौल बिगड़ने का खतरा भी बढ़ता है।
पहले मांस बिक्री पर लग चुकी है रोक
हाल ही में सरकार ने 28 अगस्त को पर्युषण पर्व और 6 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के मौके पर मांस, मटन और अंडे की बिक्री पर रोक लगाई थी। इस फैसले को समाज के अलग-अलग वर्गों ने सराहा। मुस्लिम समुदाय का कहना है कि जब अन्य धर्मों के पर्वों पर प्रतिबंधात्मक कदम उठाए जा सकते हैं, तो ईद-ए-मिलादुन्नबी पर भी उसी प्रकार संवेदनशीलता दिखानी चाहिए और शराब की बिक्री बंद रखनी चाहिए।
मुख्यमंत्री के नाम सौंपा गया ज्ञापन
ईदमिलादुन्नबी जलसा समिति के अध्यक्ष उस्ताद हाजी हमीम बख्श ने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम ज्ञापन सौंपा। इसमें 5 या 6 सितंबर 2025 को मनाए जाने वाले पर्व पर राज्यभर में शराब की बिक्री पूरी तरह रोकने की अपील की गई। समाज का कहना है कि इस दिन धार्मिक सभाएं, जुलूस और सामाजिक कार्यक्रम होते हैं, जहां भाईचारे और इंसानियत का संदेश दिया जाता है।
कई संस्थाओं ने भी रखी मांग
जलसा समिति के अलावा अन्य सामाजिक व धार्मिक संगठनों ने भी सरकार से शराबबंदी लागू करने की मांग उठाई है। राशिद खान अब्बासी, इरफान बेली समेत कई नेताओं ने कहा कि सरकार को बिना देर किए इस पर फैसला लेना चाहिए। उनका कहना है कि इस कदम से न केवल धार्मिक आस्थाओं का सम्मान होगा बल्कि सामाजिक सौहार्द भी मजबूत होगा।





