भीलवाड़ा दौरे पर पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत में राजस्थान की वर्तमान स्थिति पर चिंता जताई। गहलोत ने कहा कि पंडित भजनलाल शर्मा नए मुख्यमंत्री हैं, लेकिन उन्हें सरकार चलाने का अनुभव अब भी सीमित है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि जब वे पहली बार मुख्यमंत्री बने थे, तो भी लोग उन्हें कुछ महीनों का मेहमान मान रहे थे, लेकिन उन्होंने 15 साल तक सफलतापूर्वक प्रदेश की जिम्मेदारी संभाली। गहलोत ने सलाह दी कि भजनलाल को अनुभवी मीडिया एडवाइजर रखना चाहिए और जनता की समस्याओं को प्राथमिकता देनी चाहिए।
जीएसटी और आर्थिक मुद्दों पर बयान
गहलोत ने कहा कि जीएसटी की नई स्लैब लागू होने के बावजूद आम जनता में डर और भ्रम बना हुआ है। लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि उनके फायदे कैसे होंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि इलेक्टोरल बॉन्ड ने देशभर में पैसा इकट्ठा करने का आतंक मचाया, जिस पर रिफंड होना चाहिए। गहलोत ने जोर देकर कहा कि सरकार को जनता की जरूरतों और कामों को प्राथमिकता से निपटाना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि भजनलाल सरकार को अपने साथ सलाहकार रखना चाहिए, ताकि निर्णय सही और त्वरित लिए जा सकें और जनता को वास्तविक लाभ मिल सके।
जनता की समस्याएं और रोक-टोक
पूर्व सीएम ने कहा कि पूरे प्रदेश में आम लोगों के काम अटके हुए हैं। बिजली कनेक्शन, पेमेंट, ठेकेदारों के बिल और किसान मुआवजा जैसी समस्याएं अभी भी हल नहीं हुई हैं। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार द्वारा शुरू किए गए कामों पर नई सरकार ने रोक लगा दी। गहलोत ने कहा कि चिरंजीवी योजना के तहत 25 लाख रुपए का बीमा लाभ जनता को मिलना चाहिए था, लेकिन वर्तमान में केवल 5 लाख रुपए का लाभ हो पा रहा है। उनका मानना है कि सरकार गंभीर हो तो इन समस्याओं का समाधान संभव है।
राजनीतिक आलोचना और चेतावनी
गहलोत ने बीजेपी सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि गो-भक्ति और हिंदू-मुस्लिम राजनीति सिर्फ दिखावा है। उन्होंने वोट चोरी को देश के लिए बड़ा खतरा बताया और कन्हैयालाल हत्याकांड में एनआईए की कार्रवाई पर सवाल उठाए। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि जनता के अधिकारों और सुरक्षा के लिए सतर्क रहना आवश्यक है। गहलोत ने चेताया कि परिसीमन, बजरी माफिया और अपराध के मामलों में बेईमानी राज्य और जनता के लिए नुकसानदेह होगी, और सरकार को तुरंत सुधारात्मक कदम उठाने चाहिए।





