Rajasthan Cabinet Decision :राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है। सोमवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में प्रमोशन और अनुकंपा नियुक्ति को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है।
भजनलाल सरकार ने फैसला किया है कि जिन कर्मचारियों ने विगत वर्षों में पदोन्नति का लाभ नहीं लिया है, उन्हें पदोन्नति में 2 साल की छूट दी जाएगी। इसके साथ ही भजनलाल सरकार ने अनुकम्पा नियुक्तियों में शिथिलता देने का भी फैसला लिया है। इससे 50 हजार कर्मियों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
कर्मचारियों को प्रमोशन में 2 साल की छूट
- कैबिनेट बैठक में बताया गया कि वर्ष 2025-26 में पदोन्नति के लिए नीचे के पद पर वांछित अनुभव अथवा सेवा अवधि में 2 वर्ष का शिथिलन दिए जाने का निर्णय किया है।
- यह शिथिलन ऐसे कार्मिकों को दिया जा सकेगा, जिन्होंने वर्ष 2023-24 तथा 2024-25 के दौरान वांछित अनुभव या सेवा अवधि में कोई शिथिलन नहीं लिया है।
- कार्मिक परिवीक्षाकाल के दौरान पदोन्नति के लिए पात्र नहीं होंगे।विभिन्न सेवा नियमों में आवश्यक संशोधन किए जाएंगे।
- शासन सचिवालय सेवा (मंत्रालयिक संवर्ग) के कार्मिकों को पदोन्नति के समुचित अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राजस्थान सचिवालय सेवा नियम-1954 में संशोधन किया जाएगा। इसके अनुसार वरिष्ठ उप शासन सचिव एवं उप शासन सचिव पदों के लिए निर्धारित अनुपात 13ः10 के स्थान पर 16ः10 में संशोधित किया जाएगा।
स्थायी पूर्ण दिव्यांग कार्मिक के आश्रित को अनुकम्पा नियुक्ति
- कैबिनेट बैठक में तय किया गया कि अब पूर्ण दिव्यांग राज्यकर्मियों के परिजनों को भी अनुकंपा नियुक्ति का लाभ दिया जाएगा। इससे पहले यह सुविधा केवल मृतक या आकस्मिक रूप से अक्षम कर्मचारियों तक सीमित थी। सरकार ने अनुकंपा नियमों में यह शिथिलता संवेदनशीलता के आधार पर दी है, जिससे गंभीर रूप से दिव्यांग कर्मचारियों के परिवारों को आर्थिक सुरक्षा मिल सके।
- कैबिनेट बैठक में बताया गया कि पुलिस आयुक्त जोधपुर के अधीन भूतपूर्व हैड कांस्टेबल भगाराम दिनांक 17 अक्टूबर 2021 को सड़क दुर्घटना होने के कारण कोमा में चले गए थे। किन्तु उनका स्थायी पूर्ण दिव्यांगता प्रमाणपत्र 19 जनवरी 2024 को जारी किया जा सका था। तब तक उनकी सेवानिवृत्ति में 5 वर्ष से कम का समय शेष रहा था। भगाराम के आश्रित पुत्र ओमप्रकाश को अनुकम्पात्मक नियुक्ति दिये जाने के लिए राजस्थान स्थायी पूर्ण दिव्यांग ‘‘सरकारी कर्मचारी के आश्रित की अनुकम्पात्मक नियुक्ति नियम-2023’’ में वांछित शेष 5 वर्ष की सेवा अवधि में अपवादिक शिथिलता प्रदान करने का निर्णय बैठक में लिया गया।
हरियाणा: अब कर्मचारियों की शिकायतों का जल्द होगा निवारण
सरकारी कर्मचारियों के विवादों और शिकायतों के त्वरित निपटारे के लिए हरियाणा सरकार ने सभी विभागों और संगठनों में “कर्मचारी शिकायत निवारण समिति गठित” करने के निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत कर्मचारी को किसी विवाद या शिकायत के लिए अदालत में जाने से पहले विभागीय शिकायत निवारण समिति के समक्ष अपनी समस्या रखनी होगी। प्रत्येक शिकायत का निपटारा अधिकतम आठ सप्ताह के भीतर करना अनिवार्य होगा।





