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Sat, Dec 20, 2025

हनुमान बेनीवाल ने खोला ‘राज’, ऊर्जा मंत्री का ₹2 लाख से ज़्यादा का बिजली बिल बकाया? जानें क्या है मामला

Written by:Deepak Kumar
Published:
हनुमान बेनीवाल ने खोला ‘राज’, ऊर्जा मंत्री का ₹2 लाख से ज़्यादा का बिजली बिल बकाया? जानें क्या है मामला

राजस्थान में इन दिनों बिजली और स्मार्ट मीटर को लेकर जबरदस्त सियासी बवाल मचा हुआ है। एक ओर कांग्रेस स्मार्ट मीटर लगाने का विरोध कर रही है, तो दूसरी ओर नागौर से सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं।

हनुमान बेनीवाल का आरोप: मंत्री का बिल बकाया

हनुमान बेनीवाल का दावा है कि ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर के सरकारी आवास (हॉस्पिटल रोड, जयपुर) का 2.17 लाख रुपये का बिजली बिल बकाया है। उन्होंने कुछ दस्तावेज पत्रकारों के साथ साझा करते हुए सवाल किया कि क्या अब मंत्री का बिजली कनेक्शन भी काटा जाएगा, जैसे उनका नागौर स्थित सांसद कार्यालय और जयपुर का सरकारी आवास का कनेक्शन काटा गया?

सीएम भजनलाल शर्मा से सीधा सवाल

बेनीवाल ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से सीधे सवाल करते हुए कहा, “सरकार ने मेरा कनेक्शन बकाया बताकर काटा, अब क्या ऊर्जा मंत्री का कनेक्शन भी काटा जाएगा?” उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री नागर के ज्योति नगर फ्लैट के बिजली बिलों का भुगतान सरकारी खाते से किया गया, जबकि हॉस्पिटल रोड वाले मकान के बिल का सरकारी भुगतान राजकोष ने अस्वीकार कर दिया, क्योंकि नियमों के अनुसार, सरकार किसी मंत्री के एक ही निवास का बिल भर सकती है।

स्मार्ट मीटर में रिश्वतखोरी का आरोप

हनुमान बेनीवाल ने यह भी आरोप लगाया कि स्मार्ट मीटर लगाने के ठेके में भारी भ्रष्टाचार हुआ है और ठेकेदारी में मिली रिश्वत मंत्री और अन्य लोगों तक पहुंची है। उन्होंने इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की।

ऊर्जा मंत्री का जवाब: मेरा कोई बिल बकाया नहीं

ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने बेनीवाल के आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि उनका कोई भी बिजली बिल बकाया नहीं है और 17 जुलाई तक उनके मासिक बिल का भुगतान करना है। उन्होंने कहा, “बेनीवाल क्या कह रहे हैं, इससे मुझे फर्क नहीं पड़ता। मेरा बिल न तो सेटलमेंट में है और न ही बकाया।”

बिजली पर राजनीति तेज

यह मामला अब सीधे तौर पर सरकार बनाम विपक्ष के रूप में देखा जा रहा है। जहां एक तरफ स्मार्ट मीटर को लेकर विरोध है, वहीं दूसरी ओर बिल वसूली में दोहरा रवैया अपनाने के आरोपों से सरकार घिरी है।