जयपुर हादसे ने राजस्थान को झकझोरा, चिकित्सा मंत्री के बयान पर बढ़ा विवाद

राजधानी जयपुर में सोमवार रात हुए भीषण सड़क हादसे ने पूरे राजस्थान को दहला दिया। इसी बीच चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के एक बयान ने इस दुखद घटना को लेकर नया विवाद खड़ा कर दिया।

राजधानी जयपुर में सोमवार रात हुए भीषण सड़क हादसे ने पूरे राजस्थान को दहला दियाहरमाड़ा लोहा मंडी रोड से विश्वकर्मा रोड नंबर 14 की ओर जा रहा एक बेकाबू डंपर करीब 350 मीटर तक मौत बनकर दौड़ा और राह चलते लोगों को कुचलता चला गयाइस दर्दनाक हादसे में 14 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 14 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गएहादसे के बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई और घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया

चिकित्सा मंत्री के बयान पर बढ़ा विवाद

इस खौफनाक घटना नेकेवल जयपुर बल्कि पूरे प्रदेश में आक्रोश का माहौल पैदा कर दियामृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है और लोगों ने सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की हैमुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने देर रात उच्चस्तरीय बैठक बुलाकर हादसे की जांच के आदेश दिए, वहीं सड़क सुरक्षा पर तत्काल कदम उठाने के निर्देश भी दिएइसी बीच चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के एक बयान ने इस दुखद घटना को लेकर नया विवाद खड़ा कर दिया

दरअसल, जब चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर हादसे के घायलों का हालचाल जानने जयपुर के ट्रॉमा सेंटर पहुंचे, तो पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या यह परिवहन विभाग की लापरवाही हैइस पर मंत्री ने कहा — “कोई दारू पीकर गाड़ी चलाए तो इसमें परिवहन विभाग की क्या चूक है?” उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया और लोगों ने इसे असंवेदनशील करार दियाकई यूजर्स ने कहा कि मंत्री को ऐसी स्थिति में संवेदना प्रकट करनी चाहिए थी, न कि विभाग की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ना चाहिए था

विपक्ष ने इस बयान पर दी तीखी प्रतिक्रिया

विपक्ष ने इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी हैप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, “मंत्री ठीक ही कह रहे हैं ड्राइवर शराब पीकर गाड़ी चलाएगा तो विभाग क्या करेगा? इस सरकार के मंत्री तो सिर्फ माला पहनने और ऊलजलूल बयान देने के लिए हैं।” उन्होंने कहा कि सरकार में संवेदना, जवाबदेही और जिम्मेदारी का अभाव हैडोटासरा ने आरोप लगाया किराज्य में हर दिन सड़क हादसे हो रहे हैं, परिवार उजड़ रहे हैं, लेकिन सरकार बयानबाजी में व्यस्त है।”

जयपुर हादसे ने एक बार फिर राज्य में सड़क सुरक्षा और यातायात नियंत्रण की वास्तविक स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैंविपक्ष जहां सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहा है, वहीं आम जनता चाहती है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो और भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंहादसे की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को ब्लैक स्पॉट्स की समीक्षा और शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं


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