राजधानी जयपुर के मानसरोवर इलाके में आयकर विभाग की छापेमारी के दौरान बड़ा खुलासा हुआ है। तीन दिन से चल रही रेड के बीच प्रॉपर्टी कारोबारी के घर पर तलाशी में आईटी टीम को एक गुप्त तिजोरी मिली, जो फर्श के नीचे छुपाई गई थी। अधिकारियों को शक होने पर जब फर्श की टाइलें हटाई गईं, तो नीचे से भारी मात्रा में कैश और ज्वेलरी से भरी तिजोरी बरामद हुई। इस खुलासे ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। आयकर विभाग अभी नगदी और जेवरात का आकलन करने में जुटा है। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई जयपुर और कोटा में एक साथ चल रही 18 ठिकानों पर छापेमारी का हिस्सा है।
फर्श के नीचे छुपाई गई तिजोरी
आयकर विभाग की टीम जब जयपुर के मानसरोवर स्थित प्रॉपर्टी कारोबारी के घर पहुंची, तो शुरू में सामान्य तलाशी चल रही थी। इसी दौरान जांच अधिकारियों को एक कमरे की टाइलें असामान्य लगीं। पूछताछ पर कारोबारी इसे नई तकनीक और डिजाइन की टाइल बताकर बात टालता रहा। लेकिन शक गहराने पर टीम ने मेटल डिटेक्टर से जांच की, जिसके बाद फर्श तोड़ा गया। इसमें एक बड़ी तिजोरी छुपी हुई मिली। तिजोरी में सोने-चांदी के जेवर और नोटों का जखीरा मिला। नोटों की गिनती के लिए मशीन मंगवाई गई और लगातार इन्वेंट्री बनाई जा रही है।
अभी तक नहीं हुआ कैश और ज्वेलरी का आकलन
आईटी विभाग को तिजोरी खोलने के बाद बड़ी मात्रा में कैश और ज्वेलरी मिली है, लेकिन अभी तक उसकी कुल कीमत का आकलन नहीं हो पाया है। अधिकारियों के मुताबिक, गिनती और वजन करने की प्रक्रिया जारी है। जांच टीम प्रॉपर्टी कारोबारी से लगातार पूछताछ कर रही है कि इतनी बड़ी संपत्ति कहां से और कैसे इकट्ठी की गई। वहीं, कारोबारी अब तक संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया है। विभाग ने साफ कर दिया है कि जब तक पूरी गिनती और आकलन नहीं हो जाता, तब तक संपत्ति का खुलासा नहीं किया जाएगा।
तीन दिन से चल रही बड़ी कार्रवाई
गौरतलब है कि जयपुर और कोटा में पिछले तीन दिनों से आयकर विभाग की टीमों ने रियल एस्टेट और पान मसाला कारोबारियों के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है। कुल 18 ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। इनमें हाई फ्लाई रियल एस्टेट ग्रुप के 8, सिग्नेचर पान मसाला से जुड़े सिद्धेश्वर गम्स के 4, जबकि गोकुल कृपा ग्रुप और बीआरबी डेवलपर्स के 6 ठिकाने शामिल हैं। इस कार्रवाई में कई बड़े कारोबारी और बिल्डर संदेह के घेरे में आए हैं। विभाग के अनुसार, यह अब तक की सबसे बड़ी रेड में से एक मानी जा रही है।
सामने आया करोड़ों के घोटाले का जाल
जांच में खुलासा हुआ है कि इन कारोबारियों ने अलग-अलग फर्म बनाकर कई पार्टनरों के नाम से जमीनें खरीदीं और उनमें स्कीम काटकर मोटा मुनाफा कमाया। इतना ही नहीं, विला और हाईराइज बिल्डिंग में भी निवेश किया गया। इस तरह से करोड़ों रुपए का काला धन सफेद किया गया। आयकर विभाग अब इन लेनदेन की गहराई से जांच कर रहा है। विभाग का कहना है कि जिन संपत्तियों और खातों में गड़बड़ी पाई जाएगी, उन्हें जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी। जयपुर में फर्श के नीचे से मिली तिजोरी ने इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश कर दिया है।





