झालावाड़ में हाल ही में स्कूल हादसे के बाद अस्पताल में भारी हंगामा करने के आरोप में नरेश मीणा को रविवार को पुलिस ने फिर से गिरफ्तार कर लिया। नरेश मीणा पर आरोप है कि उन्होंने अस्पताल में इमरजेंसी और आईसीयू सेवाओं को बाधित किया, स्टाफ के साथ हाथापाई और अभद्रता की, साथ ही अपशब्दों का प्रयोग किया। उनके हंगामे के चलते एम्बुलेंस और अन्य इमरजेंसी सेवाओं में रुकावट आई, जिससे मरीजों को गंभीर परेशानी हुई।
8 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में नरेश मीणा
गिरफ्तारी के बाद नरेश मीणा को मेडिकल परीक्षण के बाद झालावाड़ की एसीजेम कोर्ट में पेश किया गया। अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश मीनाक्षी व्यास ने उन्हें 8 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। कोर्ट के बाहर वकीलों से बातचीत में नरेश मीणा ने कहा कि अस्पताल में उनके आने से पहले ही प्रदर्शन चल रहा था, लेकिन कार्रवाई सिर्फ उनके खिलाफ की गई। उन्होंने सवाल उठाया कि अन्य प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
समर्थकों से की खास अपील
गिरफ्तारी के बाद नरेश मीणा ने अपने समर्थकों से एक्स (पूर्व ट्विटर) पर संदेश जारी किया। उन्होंने लिखा कि समर्थक उनकी रिहाई पर ध्यान न देकर मृतक और घायल बच्चों के परिवारों को न्याय दिलाने के लिए समर्थन करें। उन्होंने मांग रखी कि मृतक बच्चों के परिजनों को 1-1 करोड़ रुपये मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को संविदा पर नौकरी दी जाए, जबकि घायल बच्चों के परिवारों को 50-50 लाख रुपये का मुआवजा मिलना चाहिए।
राजेंद्र गुढ़ा का समर्थन
पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने नरेश मीणा की गिरफ्तारी को गलत बताया और कहा कि वे उनसे मिलने कोटा से झालावाड़ जा रहे हैं। उन्होंने एनडीटीवी से कहा कि यदि वहां आंदोलन हुआ तो वे उसे लीड करेंगे। गुढ़ा ने कहा, “हम जनता के लिए आंदोलन करते रहेंगे, लेकिन इस समय बारिश और पुलिस दोनों मेरा पीछा कर रही है।”





